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ACB Action in Ajmer : यहां एसीबी के पहुंचते ही टॉयलेट सीट में डाल दी राशि, फिर देखिए क्या हुआ...

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Published : Feb 7, 2022, 10:53 AM IST

Updated : Feb 7, 2022, 12:35 PM IST

अजमेर जिले में सोमवार को एसीबी ने बड़ी कार्रवाई (ACB Action in Ajmer) को अंजाम दिया है. एसीबी ने डीएसपी के रीडर को 60 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने परिवादी से दर्ज मामले में एफआर लगाने की एवज में रिश्वत की मांग की थी.

ACB Action In Ajmer
ACB Action In Ajmer

अजमेर. जिले में सोमवार को एसीबी ने बड़ी कार्रवाई (ACB Action in Ajmer) को अंजाम दिया है. एसीबी ने डीएसपी के रीडर को 60 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने परिवादी से दर्ज मामले में एफआर लगाने की एवज में रिश्वत की मांग की थी.

एसीबी ने बड़ी कार्रवाई (ACB Action In Ajmer) करते हुए सीओ दरगाह के रीडर हेड कांस्टेबल और दो वकीलों को रिश्वत की राशि परिवादी से लेते हुए गिरफ्तार किया है. हेड कॉन्स्टेबल ने परिवादी से 60 हजार रिश्वत लेने के बाद थाने से निकलकर सीधे घर पहुंचा, जहां उसने पकड़े जाने के डर से टॉयलेट सीट में रिश्वत की राशि डाल दी. एसीबी ने राशि बरामद कर ली है. एसीबी ने हेड कांस्टेबल और दो वकीलों को गिरफ्तार (3 Arrested Including DSP Reader) किया है.

अजमेर में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक उदयपुर के गोवर्धन विलास क्षेत्र में यूआईटी कॉलोनी निवासी विनोद कुमार वैष्णव ने दरगाह सीओ के रीडर हेड कॉन्स्टेबल भागचंद रावत, अजमेर के माखुपुरा स्थित हटुंडी रोड निवासी वकील मनीष शर्मा, आदर्श नगर क्षेत्र में अर्जुन लाल सेठी, नगर कॉलोनी निवासी वकील कुशाल सिंह राव को गिरफ्तार (ACB Arrested Head Constable And 2 Lawyers) किया गया है. एसीबी के मुताबिक (ACB Action In Ajmer) परिवादी विनोद कुमार वैष्णव और उसके ससुराल वालों के खिलाफ गंज थाने में धारा 454, 366, 376 डी, 344, 377, 511 में दर्ज मुकदमे में एफआर लगवाने की एवज में अपने और अनुसंधान अधिकारी के नाम से 3 फरवरी को आरोपी वकील मनीष शर्मा और कुशाल सिंह राव ने रिश्वत की राशि की डिमांड की थी.

पढ़ें : ACB action in Barmer: एसीबी टीम ने रिश्वत के मामले में आबकारी निरीक्षक और दलाल को किया गिरफ्तार

5 फरवरी को परिवादी को व्हाट्सएप कॉल कर रिश्वत राशि मांगी गई. 6 फरवरी को गंज थाना में दर्ज प्रकरण के आरोपी एवं परिवादी विनोद कुमार वैष्णव और उसके ससुराल वालों के पूछताछ नोट अंकित किए जाने के बाद रात्रि 10 बजे सीओ दरगाह के रीडर हेड कांस्टेबल भागचंद रावत ने परिवादी से 60 हजार की रिश्वत राशि ले ली. इसके बाद आरोपी हेड कांस्टेबल भागचंद रावत रिश्वर की रकम अपनी पेंट में रखकर थाने के पीछे के गेट से निकल कर परबतपुरा बाईपास स्थित अपने घर चला गया. लेकिन उसे पकड़े जाने का डर सताने लगा. इस बीच एसीबी की टीम भी उसका पीछा कर रही थी.

एसीबी की टीम ने हेड कांस्टेबल भागचंद रावत के घर पर दबिश (ACB Arrested Head Constable And 2 Lawyers) दी. इस दौरान पकड़े जाने के डर से आरोपी हेड कांस्टेबल ले अपने घर के बाथरूम में बने वेस्टर्न लैट्रिंग सीट में रिश्वत की राशि डाल दी. जहां से एसीबी ने रिश्वत राशि बरामद की है.

पढ़ें : Jaipur ACB in Action : जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में एसीबी खंगाल रही फाइलें, शक के घेरे में कमिश्नर

प्रकरण में आरोपी वकील मनीष शर्मा और कुशाल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि परिवादी ने रिश्वत की राशि देते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है. परिवादी विनोद कुमार ने बताया कि वकील मनीष शर्मा लगातार उसे रिश्वत की राशि के लिए व्हाट्सएप कॉल कर रहा था. वह कह रहा था कि एफआर लगवानी है तो गंज थाने आना पड़ेगा. परिवादी ने बताया कि वह नासिक में जॉब करता है.

आरोपियों ने उससे 3 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड की थी. वकील मनीष शर्मा से मैं पहले कभी नहीं मिला. मैं अजमेर आया और मुझे दरगाह थाने बुलाया गया. वहां सीओ दरगाह के रीडर हेड कांस्टेबल भागचंद और वकील मनीष शर्मा खड़े हुए थे. आरोपियों ने सीओ दरगाह का नाम लेकर कहा कि प्रकरण में एफआर लगवानी है तो 3 लाख रुपए देने पड़ेंगे. इस राशि मे एक पैसा भी कम नही होगा. मैंने हेड कांस्टेबल से मिन्नतें कर कहा कि हम गरीब हैं इतने वैसे हम कहां से लाएं. प्रकरण से संबंधित सभी साक्ष्य पहले मेरी ओर से दिए जा चुके हैं. लेकिन वह रिश्वत की राशि लेने के लिए अड़े रहे.

इसके बाद वह रिश्वत की राशि को लेकर सौदेबाजी करने लगे. डेढ़ लाख रुपए से सौदा शुरू हुआ और दो लाख 35 हजार रुपए पर जाकर रूका. रिश्वत की राशि देने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे. मैंने एसीबी में शिकायत (ACB Action In Ajmer) की. 6 फरवरी को गंज थाने में प्रकरण से जुड़े सभी आरोपी पक्ष को बुलाया गया था. तब हेड कांस्टेबल भागचंद रावत ने कहा कि कितने राशि लेकर आए हो तब मैंने बताया कि 60 हजार रुपए है. तब हेड कांस्टेबल भागचंद रावत ने कहा कि 20 हजार रुपए बढ़ाने के लिए कहा था वह भी दे देते.

60 हजार रुपए लेकर हेड कांस्टेबल भागचंद रावत थाने के पीछे के गेट से फरार हो गया. इस दौरान अंधेरा होने की वजह से वह थाने से निकल गया. एसीबी ने हेड कांस्टेबल भागचंद के फोन की लोकेशन ट्रेस की. एसीबी टीम ने रात्रि को हेड कांस्टेबल भागचंद रावत को उसके घर से पकड़ लिया. परिवादी विनोद कुमार वैष्णव ने बताया कि रिश्वत के प्रकरण में वकील मनीष शर्मा बार-बार उसे परेशान कर रहा था. पहली बार जब दरगाह थाने वकील मनीष शर्मा ने उसे बुलाया था तब भी उसने 5 हजार रुपए रिश्वत के लिए थे.

परिवादी वैष्णव ने बताया कि उसके साले की शादी का प्रकरण था जिसमें एफआर लगाने का मामला था. प्रकरण से जुड़े सभी सबूत हमने पुलिस को दे दिए थे. बता दें कि प्रकरण में सीओ दरगाह पार्थ शर्मा का जुड़ाव सीधे तौर पर नही आया है. फिर भी सीओ दरगाह से प्रकरण में उनकी भूमिका को लेकर एसीबी पूछताछ करेगी.

अजमेर. जिले में सोमवार को एसीबी ने बड़ी कार्रवाई (ACB Action in Ajmer) को अंजाम दिया है. एसीबी ने डीएसपी के रीडर को 60 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने परिवादी से दर्ज मामले में एफआर लगाने की एवज में रिश्वत की मांग की थी.

एसीबी ने बड़ी कार्रवाई (ACB Action In Ajmer) करते हुए सीओ दरगाह के रीडर हेड कांस्टेबल और दो वकीलों को रिश्वत की राशि परिवादी से लेते हुए गिरफ्तार किया है. हेड कॉन्स्टेबल ने परिवादी से 60 हजार रिश्वत लेने के बाद थाने से निकलकर सीधे घर पहुंचा, जहां उसने पकड़े जाने के डर से टॉयलेट सीट में रिश्वत की राशि डाल दी. एसीबी ने राशि बरामद कर ली है. एसीबी ने हेड कांस्टेबल और दो वकीलों को गिरफ्तार (3 Arrested Including DSP Reader) किया है.

अजमेर में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक उदयपुर के गोवर्धन विलास क्षेत्र में यूआईटी कॉलोनी निवासी विनोद कुमार वैष्णव ने दरगाह सीओ के रीडर हेड कॉन्स्टेबल भागचंद रावत, अजमेर के माखुपुरा स्थित हटुंडी रोड निवासी वकील मनीष शर्मा, आदर्श नगर क्षेत्र में अर्जुन लाल सेठी, नगर कॉलोनी निवासी वकील कुशाल सिंह राव को गिरफ्तार (ACB Arrested Head Constable And 2 Lawyers) किया गया है. एसीबी के मुताबिक (ACB Action In Ajmer) परिवादी विनोद कुमार वैष्णव और उसके ससुराल वालों के खिलाफ गंज थाने में धारा 454, 366, 376 डी, 344, 377, 511 में दर्ज मुकदमे में एफआर लगवाने की एवज में अपने और अनुसंधान अधिकारी के नाम से 3 फरवरी को आरोपी वकील मनीष शर्मा और कुशाल सिंह राव ने रिश्वत की राशि की डिमांड की थी.

पढ़ें : ACB action in Barmer: एसीबी टीम ने रिश्वत के मामले में आबकारी निरीक्षक और दलाल को किया गिरफ्तार

5 फरवरी को परिवादी को व्हाट्सएप कॉल कर रिश्वत राशि मांगी गई. 6 फरवरी को गंज थाना में दर्ज प्रकरण के आरोपी एवं परिवादी विनोद कुमार वैष्णव और उसके ससुराल वालों के पूछताछ नोट अंकित किए जाने के बाद रात्रि 10 बजे सीओ दरगाह के रीडर हेड कांस्टेबल भागचंद रावत ने परिवादी से 60 हजार की रिश्वत राशि ले ली. इसके बाद आरोपी हेड कांस्टेबल भागचंद रावत रिश्वर की रकम अपनी पेंट में रखकर थाने के पीछे के गेट से निकल कर परबतपुरा बाईपास स्थित अपने घर चला गया. लेकिन उसे पकड़े जाने का डर सताने लगा. इस बीच एसीबी की टीम भी उसका पीछा कर रही थी.

एसीबी की टीम ने हेड कांस्टेबल भागचंद रावत के घर पर दबिश (ACB Arrested Head Constable And 2 Lawyers) दी. इस दौरान पकड़े जाने के डर से आरोपी हेड कांस्टेबल ले अपने घर के बाथरूम में बने वेस्टर्न लैट्रिंग सीट में रिश्वत की राशि डाल दी. जहां से एसीबी ने रिश्वत राशि बरामद की है.

पढ़ें : Jaipur ACB in Action : जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में एसीबी खंगाल रही फाइलें, शक के घेरे में कमिश्नर

प्रकरण में आरोपी वकील मनीष शर्मा और कुशाल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि परिवादी ने रिश्वत की राशि देते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है. परिवादी विनोद कुमार ने बताया कि वकील मनीष शर्मा लगातार उसे रिश्वत की राशि के लिए व्हाट्सएप कॉल कर रहा था. वह कह रहा था कि एफआर लगवानी है तो गंज थाने आना पड़ेगा. परिवादी ने बताया कि वह नासिक में जॉब करता है.

आरोपियों ने उससे 3 लाख रुपए की रिश्वत की डिमांड की थी. वकील मनीष शर्मा से मैं पहले कभी नहीं मिला. मैं अजमेर आया और मुझे दरगाह थाने बुलाया गया. वहां सीओ दरगाह के रीडर हेड कांस्टेबल भागचंद और वकील मनीष शर्मा खड़े हुए थे. आरोपियों ने सीओ दरगाह का नाम लेकर कहा कि प्रकरण में एफआर लगवानी है तो 3 लाख रुपए देने पड़ेंगे. इस राशि मे एक पैसा भी कम नही होगा. मैंने हेड कांस्टेबल से मिन्नतें कर कहा कि हम गरीब हैं इतने वैसे हम कहां से लाएं. प्रकरण से संबंधित सभी साक्ष्य पहले मेरी ओर से दिए जा चुके हैं. लेकिन वह रिश्वत की राशि लेने के लिए अड़े रहे.

इसके बाद वह रिश्वत की राशि को लेकर सौदेबाजी करने लगे. डेढ़ लाख रुपए से सौदा शुरू हुआ और दो लाख 35 हजार रुपए पर जाकर रूका. रिश्वत की राशि देने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे. मैंने एसीबी में शिकायत (ACB Action In Ajmer) की. 6 फरवरी को गंज थाने में प्रकरण से जुड़े सभी आरोपी पक्ष को बुलाया गया था. तब हेड कांस्टेबल भागचंद रावत ने कहा कि कितने राशि लेकर आए हो तब मैंने बताया कि 60 हजार रुपए है. तब हेड कांस्टेबल भागचंद रावत ने कहा कि 20 हजार रुपए बढ़ाने के लिए कहा था वह भी दे देते.

60 हजार रुपए लेकर हेड कांस्टेबल भागचंद रावत थाने के पीछे के गेट से फरार हो गया. इस दौरान अंधेरा होने की वजह से वह थाने से निकल गया. एसीबी ने हेड कांस्टेबल भागचंद के फोन की लोकेशन ट्रेस की. एसीबी टीम ने रात्रि को हेड कांस्टेबल भागचंद रावत को उसके घर से पकड़ लिया. परिवादी विनोद कुमार वैष्णव ने बताया कि रिश्वत के प्रकरण में वकील मनीष शर्मा बार-बार उसे परेशान कर रहा था. पहली बार जब दरगाह थाने वकील मनीष शर्मा ने उसे बुलाया था तब भी उसने 5 हजार रुपए रिश्वत के लिए थे.

परिवादी वैष्णव ने बताया कि उसके साले की शादी का प्रकरण था जिसमें एफआर लगाने का मामला था. प्रकरण से जुड़े सभी सबूत हमने पुलिस को दे दिए थे. बता दें कि प्रकरण में सीओ दरगाह पार्थ शर्मा का जुड़ाव सीधे तौर पर नही आया है. फिर भी सीओ दरगाह से प्रकरण में उनकी भूमिका को लेकर एसीबी पूछताछ करेगी.

Last Updated : Feb 7, 2022, 12:35 PM IST
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