अजमेर. सूबे की सियासत में सियासी जोर आजमाइश में अभी 2 साल बाकी है. लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की ओर से की जा रही यात्रा ने राजनीतिक चर्चाओं को तेज कर दिया है. वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. राजनीतिक चर्चाओं के बीच वसुंधरा राजे शुक्रवार को अजमेर दौरे पर पहुंची. यहां उन्होंने तीर्थ नगरी पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में दर्शन किए तो सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत की.
वसुंधरा राजे की धार्मिक यात्रा ने समर्थकों को उत्साह से भर दिया है. सियासी पहलू देखें तो राजे की यात्रा का उद्देश्य भी यही है. वह न केवल अपने समर्थकों को सक्रिय कर रही हैं. बल्कि यात्रा के माध्यम से जिलों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और लोगों से जुड़ने की कोशिश भी कर रही हैं. इस बार राजे के सामने चुनौती कांग्रेस के साथ उनकी अपनी पार्टी में भी है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यात्रा को राजे ने चुनाव से बहुत पहले ही शुरू कर दिया. यात्रा के माध्यम से अपने विरोधियों को यह संदेश दे रही हैं की राजस्थान में उनका क्रेज आज भी बरकरार है. राजे ने पुष्कर में जगत पिता ब्रह्मा के दर्शन किए एवं अजमेर शहर में दरगाह में हाजरी लगाई. इसके अलावा पांच वरिष्ठ नेताओं के घर भी गई.
पूर्व मंत्री सांवर लाल जाट समर्थकों एवं किसान नेताओ ने किया स्वागत
राजे की अजमेर यात्रा के दौरान अजमेर कॉपरेटिव बैंक परिसर में राजे जाट नेताओं और किसान नेताओ से भी मिली. पूर्व दिवंगत मंत्री सांवरलाल जाट के पुत्र नसीराबाद विधायक राम स्वरूप लाम्बा, कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन गणेश चौधरी, भूमि विकास बैंक अध्यक्ष चेतन चौधरी ने यह आयोजन रखा था. इसमें जिले ही नही समीप नागौर जिले से राजे समर्थक जाट नेताओ के अलावा किसान नेता भी शामिल थे. ज्यादातर लोग दिवंगत नेता सांवरलाल जाट के समर्थक थे. राजे ने धार्मिक यात्रा के उद्देश्य के बारे में अपने संबोधन में बताया. राजे की यात्रा से उनके समर्थकों में उत्साह भर गया है. मकराना से भाजपा नेता प्रकाश भाकर ने कहा कि प्रदेश में वसुंधरा ही एक मात्र है जो भाजपा को सत्ता में ला सकती हैं. उनकी टक्कर का कोई नही है. कॉपरेटिव बैंक अध्यक्ष चेतन चौधरी ने कहा कि पूर्व मंत्री सांवरलाल जाट को राजे परिवार का सदस्य मानती थी. यही वजह है कि जाट से जुड़े सभी समर्थक और किसान नेता राजे का समर्थन करते हैं.
देवनानी मिले घर पर, भदेल रही पूरे समय साथ
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अजमेर शहर के कार्यक्रम में पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के घर जाना तय था. दरगाह में हाजरी देने के बाद देवनानी के घर राजे पहुंची. इसके बाद देवनानी राजे के साथ दिखाई नही दिए. जबकि पूर्व मंत्री अनिता भदेल शुरू से ही राजे की कार में उनके साथ थी. ऐसे में चर्चा है कि राजे की यात्रा से देवनानी दूर ही रहे हैं.
पुष्कर में दिखा गुटबाजी का नजारा
वसुंधरा राजे की यात्रा के दौरान पुष्कर में देहात भाजपा अध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा का गुट नदारद रहा. जब नेताओं से इस संबंध में पूछा गया तो वह दबी जबान में इस पूरी यात्रा को पूर्व मुख्यमंत्री राजे की निजी यात्रा बताते रहे. साथ ही संगठन से किसी भी प्रकार के दिशा निर्देश नहीं मिलने का हवाला दिया. वहीं दूसरी ओर अजमेर की राजनीति में अपना स्थान रखने वाले नेता भंवर सिंह पलाड़ा यात्रा के दौरान राजे के साथ ही रहे.
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पूर्व विधायक नवलराय बचानी के निधन पर जताई संवेदना
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (former chief minister vasundhara raje) ने पूर्व विधायक नवलराय बचानी के निधन पर (Vasundhara met Naval Rai Bachani family) उनके परिजनों को सांत्वना दी. इस दौरान काफी संख्या में स्थानीय नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
राजे ने कहा कि नवलराय बचानी ने विधायक बनने से पहले 1975 में आपातकाल का पूरा समय अजमेर की सेंट्रल जेल में गुजारा था. इस दौरान कई लोग माफीनामा लिखकर जेल से बाहर आ गए थे. लेकिन बचानी ने माफीनामा नहीं लिखा और वह आपातकाल के समय जेल में ही रहे. सन 1977 में अजमेर पश्चिम क्षेत्र से विधायक रहे थे. खास बात यह है कि बचानी का जीवन सादगी पूर्ण रहा. थैला उठाए बचानी लोगों की मदद किया करते थे. अपने सरल स्वभाव की वजह से बचानी को जब भाजपा से टिकट मिला.
उससे पहले उन्होंने टिकट के लिए आवेदन भी नहीं किया था. 1977 में हुए चुनाव में नवलराय बचानी ने कांग्रेस के तत्कालीन दिग्गज नेता किशन मोटवानी को हराया था. हालांकि बचानी ढाई वर्ष तक ही विधायक रहे थे. 93 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. यहां आपको बता दें कि अजमेर में उत्तर और दक्षिण विधानसभा सीटें सिंधी बाहुल्य हैं. वहीं 20 वर्षो से दोनों सीटें भाजपा के कब्जे में रही हैं. वसुंधरा राजे बचानी के निवास पर उनके परिजनों को सांत्वना देने पहुंची.
राजे की धार्मिक यात्रा के सियासी मायने
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (former chief minister vasundhara raje visit) प्रदेश में धार्मिक एवं सांत्वना यात्रा कर रही हैं. इस क्रम में राजे जगत पिता ब्रह्मा और ख्वाजा गरीब नवाज का आशीर्वाद लेने भी पहुंची. राजे की यात्रा को अगले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. राजस्थान की राजनीति की नब्ज को राजे भली भांति जानती हैं. राजे का धार्मिक स्थलों की यात्रा नई नही है. धार्मिक यात्रा के दौरान उनके पिछले कार्यकाल में हुए प्रदेश के कई मंदिरों के जीर्णोद्धार और पैनोरमा बनाये जाने का जिक्र कर चुकी है. राजे जानती हैं कि लोगों की भावनाएं और आस्था धार्मिक स्थलों से जुड़ी होती है. यही वजह है कि अपनी लोकप्रियता के दम पर राजे प्रदेश में धार्मिक एवं सांत्वना यात्रा के जरिये सियासी जमीन तैयार कर रही हैं.
इस यात्रा से राजे अपनी ताकत दिखा कर विरोधियों को जवाब भी दे रही है कि उनका प्रदेश में तीसरी बार भी सीएम चेहरे के रूप में बड़ा कद है. उनकी लोकप्रियता बरकरार है. हालांकि उनकी यात्रा से उनकी पार्टी में विरोधी पक्ष में हलचल मची हुई है. राजे भाजपा के उन वरिष्ठ नेता के घरों पर भी पहुंची. जिन्होंने बीते दो वर्षों में किसी अपने को खोया है. अजमेर में पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, पूर्व मंत्री हरकिशन सोनगरा एवं भाजपा शहर अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा के घर सांत्वना देने राजे के जाने का कार्यक्रम है.
विधायक सुरेश टांक के आवास पर पहुंची राजे
देव दर्शन यात्रा पर निकली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे देर रात विधायक सुरेश टांक के आवास पर पहुंची और विधायक पुत्र राहुल को शादी की बधाई दी. राजे करीब आधे घंटे विधायक के आवास पर रूकी और उनसे चर्चा की. पूर्व सीएम राजे के विधायक टांक के आवास पर मिलने से राजनीति खेमों में हलचलें तेज हो गई है. लोग इस मुलाकात को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं.