अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली ने राजस्थान बोर्ड के विखंडन को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि प्रदेश के इस गौरवमई संस्था के स्वरूप में बदलाव का कोई प्रस्ताव किसी भी स्तर पर विचाराधीन नहीं (No proposal of zonal office of RBSE) है.
डॉ जारोली ने कहा कि देशव्यापी परीक्षा प्रणाली में सुधार की सतत प्रक्रिया में केंद्रीय मूल्यांकन व्यवस्था पर सभी शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालय जोर दे रहे हैं. शिक्षाविदों का भी मानना है कि केंद्रीय मूल्यांकन पद्धति से मूल्यांकन में पारदर्शिता रहती है. इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए पिछले दशक से ही इस प्रक्रिया को राजस्थान बोर्ड में अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. लेकिन केंद्रीय मूल्यांकन पद्धति को लागू करने के लिए आवश्यक संगठनात्मक ढांचे और संसाधनों के अभाव में राजस्थान बोर्ड इसे पूरी तरह लागू नहीं कर सका.
राजस्थान बोर्ड की योजना है कि केंद्रीय मूल्यांकन पद्धति को पूरी तरह लागू करने की दिशा में प्रथम चरण में डिविजनल मुख्यालयों पर इसके लिए राज्य सरकार से जमीन प्राप्त कर भवनों का निर्माण किया जाए. इस प्रकार के भवनों के निर्माण के लिए बोर्ड के बजट में गत कई वर्षों से प्रावधान किया जा रहा है.
प्रस्तावित भवनों में केंद्रीय मूल्यांकन पद्धति के अतिरिक्त उत्तर पुस्तिका संग्रहण केंद्र और शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. राजस्थान बोर्ड के प्रस्तावित नए केंद्रों पर उस जिले के शिक्षक और शिक्षा विभाग से जुड़े कार्मिक ही कार्य करेंगे.