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नई आबकारी नीति का विरोध, देशी शराब के ठेकेदारों ने सौंपा ज्ञापन

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Published : Feb 25, 2020, 12:55 PM IST

गहलोत सरकार की नई आबकारी नीति के विरोध में मंगलवार को शराब ठेकेदारों ने आबकारी कार्यालय पहुंच कर आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया है. ठेकेदारों ने अनुसार देशी शराब पर 61 फीसदी की सालाना ग्रोथ और 30 फीसदी बिक्री की अनिवार्यता शराब ठेकेदारों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है.

नई आबकारी नीति का विरोध, Opposition to new excise policy
नई आबकारी नीति का विरोध

अजमेर. राजस्थान सरकार की नई आबकारी नीति में विसंगतियों को लेकर शराब ठेकेदार परेशान हैं. जिसके चलते ठेकेदारों ने आबकारी कार्यालय पहुंच कर आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया है. ठेकेदारों ने बताया कि आबकारी नीति में देशी शराब में 42 फीसदी गारंटी राशि बढ़ाने और 19 फीसदी लाइसेंस फीस को लगाया गया है, जो उचित नहीं है.

नई आबकारी नीति के विरोध में ठेकेदारों ने सौंपा ज्ञापन

ऐसे में देशी शराब पर 61 फीसदी की सालाना ग्रोथ और 30 फीसदी बिक्री की अनिवार्यता शराब ठेकेदारों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. आबकारी के बैनर तले दिए ज्ञापन में सुभाष टांक ने जानकारी देते हुए बताया कि एक तरफ सरकार शराब पर रोक लगाने की बात कर रही है. वहीं, आबकारी नीति में देशी शराब पर 42 फीसदी की गारंटी और लाइसेंस में 19 फीसदी का इजाफा किया गया है.

पढ़ें- Toll Tax मांगने पर उखड़ गए 'साहब'...टोलकर्मी पर बरसाए लात घूंसे

सरकार की ओर से ऐसे कई फैसले लिए गए हैं, जिसमें शराब विक्रेताओं को नुकसान उठाना पड़ेगा. जहां उनकी ओर से लाइसेंस पर खर्च की जाने वाली रकम भी वापस नहीं मिल सकेगी. वहीं, ज्ञापन में उन्होंने बताया कि देशी शराब पर 12 फीसदी से ज्यादा मार्जिन नहीं मिलती है. जबकि सरकार के उसे 61 फीसदी तक मानने से शराब ठेकेदारों की कमर टूट चुकी है.

अजमेर. राजस्थान सरकार की नई आबकारी नीति में विसंगतियों को लेकर शराब ठेकेदार परेशान हैं. जिसके चलते ठेकेदारों ने आबकारी कार्यालय पहुंच कर आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया है. ठेकेदारों ने बताया कि आबकारी नीति में देशी शराब में 42 फीसदी गारंटी राशि बढ़ाने और 19 फीसदी लाइसेंस फीस को लगाया गया है, जो उचित नहीं है.

नई आबकारी नीति के विरोध में ठेकेदारों ने सौंपा ज्ञापन

ऐसे में देशी शराब पर 61 फीसदी की सालाना ग्रोथ और 30 फीसदी बिक्री की अनिवार्यता शराब ठेकेदारों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. आबकारी के बैनर तले दिए ज्ञापन में सुभाष टांक ने जानकारी देते हुए बताया कि एक तरफ सरकार शराब पर रोक लगाने की बात कर रही है. वहीं, आबकारी नीति में देशी शराब पर 42 फीसदी की गारंटी और लाइसेंस में 19 फीसदी का इजाफा किया गया है.

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सरकार की ओर से ऐसे कई फैसले लिए गए हैं, जिसमें शराब विक्रेताओं को नुकसान उठाना पड़ेगा. जहां उनकी ओर से लाइसेंस पर खर्च की जाने वाली रकम भी वापस नहीं मिल सकेगी. वहीं, ज्ञापन में उन्होंने बताया कि देशी शराब पर 12 फीसदी से ज्यादा मार्जिन नहीं मिलती है. जबकि सरकार के उसे 61 फीसदी तक मानने से शराब ठेकेदारों की कमर टूट चुकी है.

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