अजमेर. कोविड-19 के तहत जारी गाइडलाइन के अनुसार धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं है. ऐसे में धर्म परायण लोग धार्मिक स्थलों पर इबादत के लिए नहीं जा पा रहे हैं. अजमेर में गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी ने देहात क्षेत्रों में छोटे धार्मिक स्थलों में दर्शन और नमाज की अनुमति के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है. उस तर्ज पर शहर में भी मौजूद छोटे मस्जिदों में ईद-उल-अजहा को देखते हुए नमाज की अनुमति देने की मांग की गई है.
गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी के पदाधिकारी काजी मुन्नवर अली ने बताया कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार लॉकडाउन लगाया गया था. जो तकरीबन 4 महीने तक रहा. इस दौरान देश और प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए बंद किए हुए हैं. बीते 4 मार्च से कई पर्व विभिन्न धर्मों के लोगों के आए, लेकिन सभी धर्म के लोगों ने सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए उन पर्व को अपने घरों में ही मनाया.
अली का कहना है कि अब सरकार की ओर से समय-समय पर गाइडलाइन जारी कर जनता को रियायत और सहूलियत देना आरंभ किया है. जिसमें बाजार खुले जाना सहित आवागमन की पाबंदियों को भी हटाया गया है. साथ ही आखिरी गाइडलाइन के अनुसार देहाती क्षेत्रों में छोटे धार्मिक स्थलों को अपने आस्था के अनुसार जिसमें 50 व्यक्तियों की उपस्थिति सोशल डिस्टेंसिंग और गाइडलाइन के अनुसार अनुमति दी गई है, लेकिन शहरी क्षेत्र में अभी यह पाबंदी लगी हुई है. जिससे सभी धर्म के लोग अपनी आस्था के अनुरूप अपने आराध्य देवता एवं खुदा को सजदा और प्रार्थना धार्मिक स्थल पर नहीं कर पा रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि 1 अगस्त को ईद-उल-इजहा का पर्व मनाया जाना है. इसके लिए क्षेत्र में स्थित छोटी मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग वह सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए देहात में दी गई अनुमति की तर्ज पर अनुमति प्रदान की जावे, ताकि समाज के लोग अल्लाह को सजदा कर सकें और महामारी को इस देश से खत्म करने की प्रार्थना कर सकें.