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Corona पॉजिटिव गर्भवती की सफल सिजेरियन डिलीवरी, नवजात में नहीं कोरोना के लक्षण

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती एक कोरोना संक्रमित महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. महिला कोरोना से संक्रमित है लेकिन बच्चा कोरोना संक्रमण से मुक्त है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजीव माहेश्वरी से विशेष बातचीत की.

नवजात को नहीं हुआ कोरोना, Newborn is not affected from corona, ajmer news
डॉ. संजीव महेश्वरी, जेएलएन मेडिकल कॉलेज, Dr. Sanjeev Maheshwari, JLN Medical College
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Published : May 9, 2020, 5:30 PM IST

अजमेर. कोरोना संक्रमण काल में चिकित्सक हमारे लिए ढाल बनकर खड़े हैं. संक्रमित मरीजों के बीच रहकर उनका इलाज कर रहे हैं. अजमेर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जब एक कोरोना संक्रमित गर्भवती को जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

जहां सिजेरियन से महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. खास बात यह है कि महिला खुद कोरोना संक्रमित है. लेकिन उसने जिस बच्चे को जन्म दिया है, वो कोरोना संक्रमण से मुक्त है. ईटीवी भारत ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजीव माहेश्वरी से विशेष बातचीत की.

जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजीव माहेश्वरी

पढ़ें- नागौर: New Born Fighter ने कोरोना को किया चित, बेटी को गोद में लेकर पिता को मिला सुकून

डॉ. संजीव माहेश्वरी ने बताया कि संक्रमित गर्भवती से उसके होने वाले बच्चे को संक्रमण नहीं हो सकता है. बस संक्रमित गर्भवती मास्क लगाकर रहे और गाइडलाइन का पालन करे. उन्होंने यह भी बताया कि संक्रमित महिला बच्चे को दूध पिलाते वक्त भी सावधानी बरते, तो संक्रमण बच्चे तक नहीं पहुंच सकता है.

डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि आदर्श नगर निवासी एक गर्भवती कोरोना से संक्रमित थी. जिसे रात को ही जेएलएन अस्पताल में भर्ती किया गया था. शनिवार की सुबह महिला को प्रसव पीड़ा हुई थी. जिसके बाद चिकित्सकों ने कोरोना संक्रमित महिला की डिलीवरी करवाई. उन्होंने बताया कि मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं.

पढ़ें- CM गहलोत का बड़ा बयान, कहा- राजस्थान में Corona की स्थिति नियंत्रण में है

साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण मां के गर्भ में पल रहे बच्चे को नहीं होता, यह प्रकृति की ही देन है. बच्चे में संक्रमण तब होता है जब मां सावधानी ना बरते. डॉ. महेश्वरी ने बताया कि अजमेर में अब तक 209 मरीज सामने आ चुके हैं. इनमें 69 मरीज ठीक भी हो चुके हैं. जिन्हे क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखा गया है. उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान 4 मरीज की अब मौत हो चुकी है. इन 4 लोगों में भी कोरोना के अलावा अन्य बीमारियां भी थी.

अजमेर. कोरोना संक्रमण काल में चिकित्सक हमारे लिए ढाल बनकर खड़े हैं. संक्रमित मरीजों के बीच रहकर उनका इलाज कर रहे हैं. अजमेर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जब एक कोरोना संक्रमित गर्भवती को जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

जहां सिजेरियन से महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. खास बात यह है कि महिला खुद कोरोना संक्रमित है. लेकिन उसने जिस बच्चे को जन्म दिया है, वो कोरोना संक्रमण से मुक्त है. ईटीवी भारत ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजीव माहेश्वरी से विशेष बातचीत की.

जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजीव माहेश्वरी

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डॉ. संजीव माहेश्वरी ने बताया कि संक्रमित गर्भवती से उसके होने वाले बच्चे को संक्रमण नहीं हो सकता है. बस संक्रमित गर्भवती मास्क लगाकर रहे और गाइडलाइन का पालन करे. उन्होंने यह भी बताया कि संक्रमित महिला बच्चे को दूध पिलाते वक्त भी सावधानी बरते, तो संक्रमण बच्चे तक नहीं पहुंच सकता है.

डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि आदर्श नगर निवासी एक गर्भवती कोरोना से संक्रमित थी. जिसे रात को ही जेएलएन अस्पताल में भर्ती किया गया था. शनिवार की सुबह महिला को प्रसव पीड़ा हुई थी. जिसके बाद चिकित्सकों ने कोरोना संक्रमित महिला की डिलीवरी करवाई. उन्होंने बताया कि मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं.

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साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण मां के गर्भ में पल रहे बच्चे को नहीं होता, यह प्रकृति की ही देन है. बच्चे में संक्रमण तब होता है जब मां सावधानी ना बरते. डॉ. महेश्वरी ने बताया कि अजमेर में अब तक 209 मरीज सामने आ चुके हैं. इनमें 69 मरीज ठीक भी हो चुके हैं. जिन्हे क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखा गया है. उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान 4 मरीज की अब मौत हो चुकी है. इन 4 लोगों में भी कोरोना के अलावा अन्य बीमारियां भी थी.

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