अजमेर. पूर्व राज्यमंत्री एवं अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल ने कहा है कि जेएलएन अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई में उतार-चढ़ाव के चलते मरीजों की मौत के बाद हंगामा हो रहा है. ऑक्सीजन प्लांट को नसीराबाद छावनी की एक्सपर्ट टीम ने जांचा और जो खामियां सामने आई हैं. उससे इस बात की पुष्ठि हो गई है कि मैंने जनहित में जो मुद्दा उठाया था, उसको प्रशासन ने अनसुना कर दिया. मैंने महसूस किया है कि आसानी से अपनी बात कहने से प्रशासन नहीं सुनता.
अनिता भदेल ने कहा कि पार्षद भारती जांगिड़ की मौत के बाद 18 मई को ऑक्सीजन फ्लकचुएशन (अस्थिरता) से मरीजों की मौत के मामले को रोकने के लिए मैंने प्रशासन को ज्ञापन दिया था. शांति से जाकर कहने पर कोई नहीं सुनता यह मैंने प्रैक्टिकली देखा है. कहने के बाद भी जिला प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. जब इसको लेकर हंगामा खड़ा हुआ तब जिला प्रशासन को याद आया कि नसीराबाद छावनी की एक्सपर्ट टीम की मदद लेनी चाहिए.
भदेल ने आगे कहा कि जेएलएन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की जांच सेना की एक्सपर्ट टीम से करवाई गई. जांच में जो कमियां थी और मेरी ओर से जो खामियां बताई गई थी वह सही साबित हुई हैं. ऑक्सीजन प्लांट को सेना को सुपुर्द करना यह इस बात का घोतक है कि अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन विफल रहा है. 45 दिन बाद ऑक्सीजन प्लांट के मेंटेनेंस का अस्पताल प्रशासन को याद आया है. जबकि मैंने पहले ही जिला प्रशासन को टेक्नीशियन को प्लांट में लगाने के लिए मांग की थी. अस्पताल में जिन लोगों की ऑक्सीजन फ्लकचुएशन से मौत हुई है उसका जिम्मेदार कौन है.
उन्होंने जिला प्रशासन को भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि किसी मरीज की मौत होने पर उसका आधा भरा सिलेंडर लेने के लिए भी लोग तैयार थे. उन विकट हालातो में ऑक्सीजन की बर्बादी की गई. गैस सिलेंडरों के नोजल घिस गए. उनको नहीं बदला गया. भदेल ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत बार-बार केंद्र पर आरोप लगा रहे थे कि राजस्थान को ऑक्सीजन नहीं दी जा रही. जैसे ऑक्सीजन का ठेका केंद्र ने के ले रखा है. बावजूद इसके केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई है.