अजमेर. केंद्र सरकार की ओर से सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के निजीकरण को बजट में शामिल किए जाने से बैंक कार्मिकों में गहरा रोष व्याप्त है. इसी को लेकर मंगलवार को बैंक कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे. हड़ताल के दूसरे दिन अजमेर में बड़ी संख्या में बैंक कार्मिकों ने कार्य का बहिष्कार किया.
साथ ही कार्मिकों ने बजरंग गढ़ चौराहे पर एकत्रित होकर केंद्र सरकार के खिलाफ वाहन रैली निकाली. जिसमें सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपने गुस्से का इजहार किया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निजीकरण नहीं रोका गया तो उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ेगा.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के सहसंयोजक अरविंद मिश्रा ने बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था. जिसमें सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का निजीकरण किए जाने को भी शामिल किया था. बजट की घोषणा सुनकर देश के लगभग 10 लाख कर्मचारियों अधिकारियों में रोष व्याप्त हो गया. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने केंद्र सरकार से पत्राचार कर निजीकरण को रोकने के लिए मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे ठुकरा दिया. ऐसे में देशभर में दो दिन हड़ताल की गई है.
इसी के तहत अजमेर में लगभग 180 शाखाओं के 3000 कार्मिक दोनों दिन हड़ताल पर रहे. जिससे लगभग पांच सौ करोड़ रुपए का लेन देन ठप रहा है. मिश्रा ने कहा कि वाहन रैली को आमजन ने भी भरपूर समर्थन दिया और सरकार के निर्णय के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने आमजन से इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे सरकार पर दबाव बढ़ेगा और निजी करण को रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यदि निजी करण होता है तो यह कर्मचारियों के साथ ही आमजन पर भी भारी पड़ेगा.