अजमेर. नगर निगम चुनाव के मेयर पद के लिए भाजपा ने जीते हुए 48 पार्षदों को बाड़ेबंदी में जयपुर में रखा है. सोमवार को नामांकन के पहले दिन भाजपा की ओर से तीन नामांकन फॉर्म मेयर पद के लिए भेजे गए हैं. इससे जाहिर है कि भाजपा में जहां पहले ब्रज लता हाड़ा के नाम पर एक राय बनी हुई थी, वह अब नहीं रही है. मेयर पद के लिए और भी नामों पर भी चर्चा है.
सूत्रों के मुताबिक अजमेर दक्षिण से विधायक एवं वसुंधरा सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग में राज्यमंत्री रहीं अनिता भदेल ने पार्षद दल की बैठक में ब्रज लता हाड़ा के नाम पर अपना विरोध जताते हुए तीन अन्य नामों की पैरवी की है. इनमें कुसुम लता सोगरा, सीता टांक एवं सीलम बैरवा शामिल हैं. भदेल के अचानक बदले तेवर से भाजपा में मेयर पद को लेकर दो फाड़ हो गए हैं.
बता दें कि ब्रजलता हाड़ा अजमेर शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा की पत्नी हैं. डॉ. हाड़ा और भदेल दोनों ही कोली समाज से आते हैं. अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र कोली बाहुल्य क्षेत्र है. ऐसे में हाड़ा और भदेल में वर्चस्व की जंग नई नहीं है. भदेल और डॉ. हाड़ा में राजनैतिक प्रतिद्वंदिता पुरानी है. डॉ. हाड़ा कई बार दक्षिण क्षेत्र से पार्टी का टिकट मांग चुके हैं. वहीं 2010 में नगर निगम के मेयर पद के लिए सीधे चुनाव में डॉ. हाड़ा भाजपा के मेयर पद के लिए प्रत्याशी थी. चुनाव में डॉ. हाड़ा को हार का सामना करना पड़ा था. उस वक़्त भी अनिता भदेल विधायक थी. लिहाजा भदेल पर भीतरी घात के आरोप लगे थे.
इस बार डॉ. हाड़ा ने अपनी पत्नी ब्रजलता को पार्षद का चुनाव लड़ाया. तब से ब्रजलता हाड़ा को मेयर पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. यहां तक कि भदेल स्वयं ब्रजलता हाड़ा का नामांकन भरवाने उनके साथ रिटर्निग अधिकारी के समक्ष मौजूद रही. चुनाव परिणाम आने के बाद भदेल ने ब्रजलता हाड़ा के नाम पर असहमति जता कर सबको चौंका दिया है, बल्कि अभी तक एक जुट नजर आ रही पार्टी में दो फाड़ हो गए हैं. फिलहाल पार्टी स्तर पर मेयर प्रत्याशी को लेकर अभी मंथन जारी है. बता दें कि नामांकन के पहले दिन ब्रजलता, कुसुमलता सोगरा और सीता टाक की ओर से नामंकन फार्म लिए गए हैं.