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55 साल के इतिहास में पहली बार अजमेर का JLN अस्पताल महामारी के लिए रिजर्व, 504 बेड आरक्षित

प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिसके कारण अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल को 55 साल के इतिहास में पहली बार किसी महामारी के लिए रिजर्व किया गया है. JLN अस्पताल में इस समय ओपीडी और बाकी व्यवस्थाओं में बदलाव कर दिया गया है. आईसीयू में ऑपरेशन थियेटर को भी खाली कर दिया गया है. इसके साथ ही लगभग 504 बेड कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं.

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Published : Apr 8, 2020, 9:25 AM IST

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जवाहर लाल नेहरू अस्पताल महामारी के लिए हुआ रिजर्व

अजमेर. कोरोना वायरस के लगातार फैलते संक्रमण ने पूरे देश को हिला के रखा हुआ है. वहीं प्रदेश में भी कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए देश सहित प्रदेश में लाॅकडाउन चल रहा है. वहीं स्थानीय प्रशासन भी संक्रमण को रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है. खतरा कितना बड़ा है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि, अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल को 55 साल के इतिहास में पहली बार किसी महामारी के लिए रिजर्व किया गया है.

जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस समय ओपीडी और बाकी व्यवस्थाओं में बदलाव कर दिया गया है. आईसीयू में ऑपरेशन थियेटरों को भी खाली कर दिया गया है. इसके साथ ही लगभग 504 बेड कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं. सभी बेड को एक तय दूरी पर रखा गया है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा ना बने. इसके साथ ही कुछ निजी अस्पतालों को भी Covid-19 के लिए आरक्षित किया गया है, तो कुछ समारोह स्थल में भी बैटरी लगा कर लोगों को रखा जा रहा है.

पढ़ें- Special: Corona के खिलाफ जंग में इसलिए अब तक अजेय रहा है सीकर...

जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में कोविड-19 के लिए की गई वयवस्थाओं की बात करे तो, ऑर्थोपेडिक के मेल और फीमेल वार्ड में कोरोना आइसोलेशन वार्ड को बनाया गया है. इसके साथ ही मेडिकल आईसीयू को भी कोरोना ICU के लिए तैयार किया गया है. वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीज, कोरोना के संदिग्ध मरीज और कोरोना के हलके लक्षण वाले मरीजों को अलग-अलग वार्ड में रखा जाएगा.

अजमेर. कोरोना वायरस के लगातार फैलते संक्रमण ने पूरे देश को हिला के रखा हुआ है. वहीं प्रदेश में भी कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए देश सहित प्रदेश में लाॅकडाउन चल रहा है. वहीं स्थानीय प्रशासन भी संक्रमण को रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है. खतरा कितना बड़ा है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि, अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल को 55 साल के इतिहास में पहली बार किसी महामारी के लिए रिजर्व किया गया है.

जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में सैकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस समय ओपीडी और बाकी व्यवस्थाओं में बदलाव कर दिया गया है. आईसीयू में ऑपरेशन थियेटरों को भी खाली कर दिया गया है. इसके साथ ही लगभग 504 बेड कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं. सभी बेड को एक तय दूरी पर रखा गया है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा ना बने. इसके साथ ही कुछ निजी अस्पतालों को भी Covid-19 के लिए आरक्षित किया गया है, तो कुछ समारोह स्थल में भी बैटरी लगा कर लोगों को रखा जा रहा है.

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जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में कोविड-19 के लिए की गई वयवस्थाओं की बात करे तो, ऑर्थोपेडिक के मेल और फीमेल वार्ड में कोरोना आइसोलेशन वार्ड को बनाया गया है. इसके साथ ही मेडिकल आईसीयू को भी कोरोना ICU के लिए तैयार किया गया है. वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीज, कोरोना के संदिग्ध मरीज और कोरोना के हलके लक्षण वाले मरीजों को अलग-अलग वार्ड में रखा जाएगा.

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