अजमेर. राजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इस बार सालाना उर्स में (Ajmer Sharif Urs 2022) अजमेर दरगाह में पाकिस्तानी जायरीन के आने पर असमंजस की स्थिति है. गाइडलाइन में धार्मिक स्थल में एक बार में 100 से अधिक लोगों के रहने की ही स्वीकृति है. जबकि पाक जायरीन की संख्या अधिक होने के कारण गाइडलाइन का उलंघन होगा. गाइडलाइन के अनुसार एक साथ पाक जायरीन को जियारत नहीं करवाई जा सकती. यही वजह है कि जिला प्रशासन और पुलिस महकमे ने राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा है.
अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 810वें उर्स की तैयारियां (Hazrat Khwaja Garib Nawaz Ajmer URS 810) वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप की जा रही है. देश में आवाजाही और धार्मिक स्थलों पर जाने पर कोई पाबंदी नहीं है. हालांकि, इसके लिए सरकार की ओर से गाइडलाइन पूर्व में ही जारी की जा चुकी है. अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का सालाना उर्स फरवरी के पहले सप्ताह में चांद दिखने से शुरू होगा. वहीं, 29 जनवरी को झंडे की रस्म के साथ उर्स की अनौपचारिक शुरुआत होगी.
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दरगाह से जुड़ी संस्थाएं उर्स का आयोजन करवाने के पक्ष में हैं. वहीं, सरकार से गाइडलाइन में शिथिलता प्रदान करने की मांग कर चुकी हैं. फिलहाल, गाइडलाइन की बंदिशों के अनुसार उर्स मनाने को लेकर प्रबंधन समिति का निर्णय हुआ है. पाकिस्तानी जायरीन के अजमेर दरगाह में उर्स में आने को लेकर (Arrival of Pakistani Pilgrims in Ajmer Dargah) स्थिति स्पष्ठ नहीं है. प्रशासन और पुलिस महकमे का तर्क है कि कोरोना गाइडलाइन में 100 से अधिक लोगों को दरगाह में जियारत की अनुमति नहीं है, जबकि पाकिस्तान से आने वाले जायरीन को एक साथ ग्रुप में जियारत करवाने का नियम है.
वहीं, उन्हें एक ही जगह पर एक साथ ठहराने की भी व्यवस्था रहती है. सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान के 325 जायरीन ने वीजा के लिए आवेदन किया है. इधर पाक जायरीन के आने को लेकर स्थिति स्पष्ठ नहीं होने से अधिकारी भी जवाब नहीं दे रहे हैं. बताया जा रहा कि जिला प्रशासन और पुलिस महकमे ने राज्य सरकार से कोरोना गाइडलाइन का हवाला देते हुए मार्गदर्शन मांगा है. अगले दो से तीन दिन बाद पाकिस्तान से आने वाले जायरीन के अजमेर दरगाह में उर्स पर आने को लेकर स्थिति स्पष्ठ होगी.