अजमेर. अपनी मांगों के समर्थन में 15 दिन पूर्व रोजाना कार्य बहिष्कार करके रोष जताने पर सरकार द्वारा उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन के बाद इंतजार कर रहे है रेजिडेंट डॉक्टरों ने मगंलवार को हड़ताल कर दी.
बता दें कि आंदोलनकारी रेजिडेंट चिकित्सकों का आरोप है कि राज्य सरकार को 2 दिसंबर 2019 तक का टाइम दिया गया था, लेकिन सोमवार को सचिवालय में हुई वार्ता में सरकार का कोई भी मंत्री उपस्थित नहीं था. जिसके चलते उनकी मांगे एक बार फिर से अधर में लटक गई है. इसी बात से नाराज होकर राजस्थान रेजिडेंट चिकित्सकों ने मगंलवार से बेमियादी कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया और मगंलवार से प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज से संबंध रेजिडेंट चिकित्सकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है.
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सरकार का दोहरा चरित्र
राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन से संबद्ध जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय में मेडिकल कॉलेज में जिला रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. देवराज राव ने बताया कि प्रदेश की कांग्रेसनीत गहलोत सरकार को प्रदेश के चिकित्सकों खासकर रेजिडेंट चिकित्सकों की फिक्र तक नहीं है. जबकि यह सरकार जेएनएम कॉलेज के विद्यार्थियों की बढ़ी हुई फीस का भी विरोध जताती है और राजस्थान में रेजिडेंट चिकित्सकों की मांग को मानने से कतरा रही है.
व्यवस्थाय चरमराई
सुबह 9 बजे से जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रेजीडेंट चिकित्सकों का बेमियादी हड़ताल आंदोलन शुरू होने से जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में जनाना अस्पताल के मुख्य ओपीडी में रेजीडेंट चिकित्सकों की उपस्थिति नजर नहीं है. इसके अलावा दोनों अस्पताल सहित राज्य सेटेलाइट अस्पताल में भी सेवाएं देने वाले रेजीडेंट चिकित्सक भी वहां की ओपीडी से नदारद मिले.