अजमेर. पॉक्सो विशेष कोर्ट संख्या 1 ने नाबालिग से दुराचार के मामले में आरोपी को (sentenced the accused of raping a minor ) 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 24 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि 16 वर्ष से कम आयु की नाबालिग के साथ घृणित अपराध कार्य किया है. पीड़िता की आयु व प्रकरण के तथ्यों को मध्य नजर रखते हुए दंडित किया जाना न्याय उचित प्रतीत होता है. खास बात यह है कि सजा सुनने के बाद भी आरोपी मुस्कुराता रहा.
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 23 जून 2020 को नाबालिग के पिता ने ब्यावर सिटी थाने में बेटी की गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस जांच में पता चला कि नाबालिग को पाली जिले के सेंदड़ा थाना क्षेत्र में झावना बेरा गांव निवासी साबू सिंह उर्फ डूंगर सिंह जंगल में बहला-फुसलाकर ले गया. वहां उसने नाबालिग के साथ दुराचार किया. परिवादी ने शिकायत में बताया था कि नाबालिग बेटी उसकी साली के घर गई थी.
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वहां से वह अपने गांव जाने की कहकर निकली थी. लेकिन घर नहीं पहुंची. पुलिस ने 26 जून 2020 को नाबालिग को दस्तयाब कर लिया. जांच में रेप का मामला सामने आने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया. विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि डीएनए और स्पेशल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई है. उन्होंने बताया कि पीड़िता के घर के सामने निर्माणाधीन मकान था. जहां आरोपी सूबे सिंह रावत का आना जाना था. इस दौरान ही आरोपी ने नाबालिग लड़की से संपर्क बढ़ाया और मौका मिलने पर वह उसे बहला फुसलाकर बाइक पर बैठाकर जंगल में ले गया. जहां उसने घटना को अंजाम दिया. खास बात यह है कि कोर्ट में सजा सुनाने के बाद भी आरोपी के चेहरे पर पछतावा नहीं था. बल्कि घृणित कार्य करने पर सजा मिलने के बाद भी वह मुस्कुराता रहा.