अजमेर. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित का बयान सुर्खियों में आ गया है. अपने बयान में वह कह रहे हैं कि खांसी है तो है सैंपलिंग क्या कराना, इसका कोई मतलब नहीं. कलेक्टर बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा सहित अन्य अधिकारियों के साथ जिले के कई क्षेत्रों के दौरे पर रहे. एक जगह जब उन्होंने सर्व के संबंध में पूछा तो जवाब दिया गया कि 13 परिवारों में बुखार, खांसी के लक्षण सामने आए हैं और 21 लोगों को मेडिकल किट दी गई है.
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इसके बाद जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कम लोगों के बीमार होने की बात पूछने पर जवाब दिया गया कि कोई भी बीमारी के संबंध में बता ही नहीं रहा और जिनमें लक्षण दिख रहे हैं वह सैंपलिंग के लिए भी तैयार नहीं हो रहे है. इसपर जिला कलेक्टर ने बात काटते हुए कहा कि खांसी है तो है सैंपलिंग क्या करवाना, इसका कोई मतलब नहीं.
जिला कलेक्टर का यह बयान वीडियो में भी रिकॉर्ड हुआ है. पिछले कुछ दिनों से जिला प्रशासन और जेएलएन अस्पताल प्रबंधन पर आंकड़े छिपाने और सैंपलिंग कम करने के आरोप भी लगे हैं. इसकी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक को शिकायत भेजी गई है. ऐसे में यह बयान सामने आने के बाद तो सैंपलिंग पर और सवाल उठने लाजमी हैं.