अजमेर. रिश्वत के 2 मामलों में गुरुवार को आरोपियों को अजमेर न्यायालय में पेश किया गया, जहां 3 आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश एसीबी की अदालत ने सुनाया है. बता दें कि पहला मामला अजमेर से जुड़ा हुआ है तो वहीं दूसरा मामला नागौर जिले का है.
बता दें कि पहले मामले में जयपुर इन्वेस्टिगेशन यूनिट एसीबी की टीम ने चालान को ब्लैक लिस्ट से हटाने की एवज में रिश्वत मांगने वाले संविदा कर्मी श्रवण कुमार को डेढ़ हजार रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ा था. जहां संविदा कर्मी से गहनता से पूछताछ के बाद गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया. अजमेर न्यायालय ने आरोपी को 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं. तो वहीं इस मामले में दिल्ली ट्रांसपोर्ट कंपनी के सुपरवाइजर ने एसीबी को चालान की एवज में रिश्वत का मामला दर्ज कराया था.
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वहीं, दूसरा मामला नागौर के नगरिया ग्राम पंचायत का है. जहां बीडीओ और ग्राम सेविका के पति की ओर से पट्टा देने की एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. मामले के सत्यापन के बाद नागौर एसीबी ने बीडीओ सेवाराम और ग्राम सेविका के पति सुमेर सिंह को गिरफ्तार किया था.
जानकारी के अनुसार परिवादी ने इस मामले की शिकायत एसीबी में दर्ज कराई थी. जहां मामले के सत्यापन के बाद नागौर एसीबी ने कार्रवाई को अंजाम देते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जहां गुरुवार को उन्हें न्यायालय में पेश किया गया. वहीं अदालत ने दोनों आरोपियों को 5 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं. दोनों ही मामलों में एसीबी अन्य आरोपियों को लेकर जानकारी जुटाने में जुटी है.