अजमेर. राजस्व मंडल के अभिभाषक संघ ने जीएसटी लागू होने के बाद कर बोर्ड की शक्तियां कम होने से स्टांप और एक्साइज एक्ट से संबंधित वाद फिर से राजस्व मंडल को स्थानांतरित करने की मांग उठाई है. जिससे की उन मुकदमों का निस्तारण राजस्व मंडल में हो सके. अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने इस संबंध में मंडल के चेयरमैन को मुख्यमंत्री एवं राजस्व मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
राजस्व मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 1985 में राजस्थान बिक्री कर न्यायाधिकरण एक था. अजमेर में बिक्री कर से संबंधित सभी मामले राजस्व मंडल से कर बोर्ड को स्थानांतरित कर दिए गए, जबकि पहले राज्य के राजस्व से संबंधित सभी मामले मसलन किरायेदारी अधिनियम, भूमि राजस्व अधिनियम, कराधान अधिनियम, उत्पाद शुल्क अधिनियम, भूमि और भवन अधिनियम, शहरी और कृषि सीमा अधिनियम से संबंधित सभी मुकदमों की सुनवाई और निस्तारण राजस्व मंडल में होता था.
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उन्होंने बताया कि जयपुर में जीएसटी ट्रिब्यूनल बनाने जा रहा है. जिससे कर बोर्ड के खत्म होने की आशंका है. ऐसे में कर बोर्ड में लंबित स्टांप एवं एक्साइज एक्ट से संबंधित मुकदमों को फिर से राजस्व मंडल में स्थानांतरित करना चाहिए. राजस्व मंडल सक्षम संस्था है और स्टांप और एक्साइज एक्ट से संबंधित मुकदमों की सुनवाई और निस्तारण कर सकती है. इसमें सरकार को अतिरिक्त व्यय का भार भी नहीं पड़ेगा.
शर्मा ने बताया कि इसके अलावा एलआर एक्ट से संबंधित मामलों की सुनवाई के अधिकार संभागीय आयुक्त को दिए गए हैं. लेकिन संभागीय आयुक्त कोर्ट में नहीं बैठते हैं, इस कारण प्रकरणों की संख्या और भी लंबित हो रही है. ऐसे मामलों को फिर से आरएए को स्थानांतरित किए जाने चाहिए. जिससे मुकदमों की सुनवाई और निस्तारण समय पर हो और पक्षकार किसानों को न्याय मिल सके.