अजमेर. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने का मामला दर्ज होने पर पार्टी पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता कर गहलोत सरकार पर आम आदमी पार्टी के आंदोलन को कुचलने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि सरकार के इशारे पर प्रशासन ने पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि का विरोध कर रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जबकि कांग्रेस और भाजपा के कार्यक्रमों पर प्रशासन न केवल अनदेखी कर रहा है बल्कि उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत भी प्रशासन नहीं जुटा पा रहा है.
आम आदमी पार्टी कि अजमेर संभाग प्रभारी कीर्ति पाठक ने कहा कि पार्टी के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी कार्यकर्त्ता पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ जिला मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन के लिए गए तो उन्हें धारा 144 के उल्लंघन का हवाला देकर पुतला जलाने से रोका गया. पार्टी कार्यकर्त्ता बिना पुतला जलाए वापस भी लौट आए. बावजूद इसके उनके खिलाफ कोविड-19 की गाइडलाइन और धारा 144 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया. यह अस्थाई आपातकाल को दर्शाता है. आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है.
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पाठक ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कोविड-19 को लेकर शुरू किए जन जागरूकता अभियान की शुरुआत में जिला प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया के साथ कलेक्टर की मौजूदगी में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी. कलेक्ट्रेट पर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को पुतला जलाने से रोका और उसके एक घण्टे बाद कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने फव्वारा सर्किल पर पुतला जलाया. शुक्रवार को शहीदों को सलाम दिवस पर कांग्रेस की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में लात घुसे चले. लॉकडाउन में नगर निगम मेयर घर्मेंन्द्र गहलोत और पार्षदों को हिरासत में लिया गया लेकिन उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.
पाठक ने कहा कि गहलोत सरकार डरी हुई है. उसे लगता है कि राजस्थान में आम आदमी पार्टी तीसरे मोर्चे के रूप में कहीं उभर ना जाए. उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतर रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के आंदोलन को प्रशासन सख्ती से कुचल रहा है. उन्होंने कहा कि आप हमेशा जनता से जुड़े मुद्दे उठाती रहेगी.