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मसाला बांड को लोकप्रिय बनाने के लिये नीतिगत पहल के पक्ष में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर

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Published : Aug 26, 2019, 5:16 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 8:25 AM IST

सिंगापुर में 10 अगस्त को विदेशी मुद्रा कारोबारियों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानूनगो ने बढ़ते व्यापार तनाव को देखते हुए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिये तत्काल प्रयास करने का आह्वान किया.

मसाला बांड को लोकप्रिय बनाने के लिये नीतिगत पहल के पक्ष में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर

मुंबई: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने कहा है कि मसाला बांड की लोकप्रियता बढ़ाने के लिये और नीतिगत कदम उठाने की जरूरत है. मसाला बांड वैसे बांड को कहा जाता है जहां कंपनियां विदेशों में रुपये में धन जुटाने के लिये जारी करती हैं.

सिंगापुर में 10 अगस्त को विदेशी मुद्रा कारोबारियों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानूनगो ने बढ़ते व्यापार तनाव को देखते हुए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिये तत्काल प्रयास करने का आह्वान किया.

उनके भाषण की कॉपी को आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को डाला. मसाला बांड के बारे में उन्होंने कहा कि वैश्विक निवेशकों ने रुपये में जारी इस संपत्ति को लेकर रूचि दिखायी है.

ये भी पढ़ें: आरबीआई बोर्ड की बैठक आज, जालान समिति की रिपोर्ट पर विचार संभव

कानूनगो ने कहा, "यह प्रवृत्ति को गति देने के लिये नीतिगत पहल करने की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि ऐसे बांड से विदेशी मुद्रा का प्रवाह सुनिश्चित होगा और मुद्रा विनिमय दर के जोखिम से निर्गमर्ता को संरक्षण भी मिलेगा. व्यापार युद्ध के बारे में उन्होंने कहा कि अमेरिका तथा चीन के बीच जारी विवाद के शीघ्र निपटान की कोई संभावना नहीं है और न ही इसके बढ़ने की आशंका है.

हालांकि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच विवाद वैश्विक नरमी को बढ़ा रहा है. इसके अलावा ब्रेग्जिट को लेकर समझौता नहीं होना तथा खाड़ी क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव अन्य जोखिम हैं.

मुंबई: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने कहा है कि मसाला बांड की लोकप्रियता बढ़ाने के लिये और नीतिगत कदम उठाने की जरूरत है. मसाला बांड वैसे बांड को कहा जाता है जहां कंपनियां विदेशों में रुपये में धन जुटाने के लिये जारी करती हैं.

सिंगापुर में 10 अगस्त को विदेशी मुद्रा कारोबारियों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानूनगो ने बढ़ते व्यापार तनाव को देखते हुए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिये तत्काल प्रयास करने का आह्वान किया.

उनके भाषण की कॉपी को आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को डाला. मसाला बांड के बारे में उन्होंने कहा कि वैश्विक निवेशकों ने रुपये में जारी इस संपत्ति को लेकर रूचि दिखायी है.

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कानूनगो ने कहा, "यह प्रवृत्ति को गति देने के लिये नीतिगत पहल करने की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि ऐसे बांड से विदेशी मुद्रा का प्रवाह सुनिश्चित होगा और मुद्रा विनिमय दर के जोखिम से निर्गमर्ता को संरक्षण भी मिलेगा. व्यापार युद्ध के बारे में उन्होंने कहा कि अमेरिका तथा चीन के बीच जारी विवाद के शीघ्र निपटान की कोई संभावना नहीं है और न ही इसके बढ़ने की आशंका है.

हालांकि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच विवाद वैश्विक नरमी को बढ़ा रहा है. इसके अलावा ब्रेग्जिट को लेकर समझौता नहीं होना तथा खाड़ी क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव अन्य जोखिम हैं.

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मुंबई: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने कहा है कि मसाला बांड की लोकप्रियता बढ़ाने के लिये और नीतिगत कदम उठाने की जरूरत है. मसाला बांड वैसे बांड को कहा जाता है जहां कंपनियां विदेशों में रुपये में धन जुटाने के लिये जारी करती हैं.

सिंगापुर में 10 अगस्त को विदेशी मुद्रा कारोबारियों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानूनगो ने बढ़ते व्यापार तनाव को देखते हुए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिये तत्काल प्रयास करने का आह्वान किया.

उनके भाषण की कॉपी को आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर सोमवार को डाला. मसाला बांड के बारे में उन्होंने कहा कि वैश्विक निवेशकों ने रुपये में जारी इस संपत्ति को लेकर रूचि दिखायी है.

कानूनगो ने कहा, "यह प्रवृत्ति को गति देने के लिये नीतिगत पहल करने की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि ऐसे बांड से विदेशी मुद्रा का प्रवाह सुनिश्चित होगा और मुद्रा विनिमय दर के जोखिम से निर्गमर्ता को संरक्षण भी मिलेगा. व्यापार युद्ध के बारे में उन्होंने कहा कि अमेरिका तथा चीन के बीच जारी विवाद के शीघ्र निपटान की कोई संभावना नहीं है और न ही इसके बढ़ने की आशंका है.

हालांकि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच विवाद वैश्विक नरमी को बढ़ा रहा है. इसके अलावा ब्रेग्जिट को लेकर समझौता नहीं होना तथा खाड़ी क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव अन्य जोखिम हैं.

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Last Updated : Sep 28, 2019, 8:25 AM IST
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