उदयपुर. कलेक्टर चेतन देवड़ा ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (world child labor prohibition day) के अवसर पर सुखेर स्थित अनुदानित आदिवासी छात्रावास (tribal hostel) और निराश्रित बाल सेवा गृह जीवन ज्योति का निरीक्षण किया. कलेक्टर ने बच्चों के साथ बातचीत की और उनकी पढ़ाई, घर खर्च के संबंध में सरकार की ओर से दी जा रही सहायता और योजनाओं के बारे में विभागीय अधिकारियों से प्रगति जानी.
यह भी पढ़ें- राजस्थान में 'मध्यावधि चुनाव' का इशारा...सतीश पूनिया ने क्यों कही ये बात, जानिये
कलेक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और बाल अधिकारिता विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को जरूरतमंद बालकों तक राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान एडीएम ओपी बुनकर सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.
रेस्क्यू किए बच्चों से मिले कलेक्टर
निरीक्षण के दौरान कलक्टर देवड़ा बाल श्रम से रेस्क्यू किए गए पांच बच्चों से भी मिले. कलेक्टर ने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी नहीं रहे, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
कच्ची बस्ती में घर-घर जाकर जाना हाल
कलेक्टर देवड़ा शांतिनगर कच्ची बस्ती पहुंचे. यहां उन्होंने घर-घर जाकर एक-एक बच्चे से उसकी पढ़ाई को लेकर बात की और मन लगाकर पढ़ाई करने और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. कलेक्टर देवड़ा ने कच्ची बस्ती में अभिभावकों से बच्चों को पढ़ाने और बाल श्रम नहीं करवाने के लिए प्रेरित किया. इस दौरान स्थानीय निवासियों ने पानी की समस्या से अवगत करवाया, जिस पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत पेयजल समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए.