जयपुर. लगातार दूसरी बार देश की कमान संभाल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई सरकार के विभागों का बंटवारा कर दिया. गुरुवार शाम 7 बजे पीएम मोदी ने मंत्रिमंडल के 57 सहयोगियों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. जिसके बाद आज यानी शुक्रवार को पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों को अपने-अपने विभागों का जिम्मा सौंपा. वहीं नई मोदी सरकार में राजस्थान के 3 सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है.
अमित शाह को गृह तो राजनाथ सिंह को मिला रक्षा मंत्रालय
जहां अमित शाह को गृह मंत्रालय और एस. जयशंकर को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. वहीं राजनाथ सिंह को रक्षा, निर्मला सीतारमण को वित्त, पीयूष गोयल को रेलवे और नितिन गडकरी को परिवहन मंत्रालय की कमान सौंपी गई है. वहीं अगर राजस्थान की बात करें तो 25 की 25 सीटों को भाजपा की झोली में डालने वाले प्रदेश के 3 सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. जिसमें गजेंद्र सिंह शेखावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. वहीं, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी को राज्यमंत्री का पद सौंपा गया. जोधपुर से सांसद गजेंद्र शेखावत को जल शक्ति विभाग की नई जिम्मेदारी सौंपी है तो बीकानेर से सांसद अर्जुनराम मेघवाल को संसदीय कार्य, भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री का दर्जा मिला है. साथ ही जैसलमेर-बाड़मेर से संसाद कैलाश चौधरी को कृषि राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली है.
शेखावत को मिला जल शक्ति जैसा महत्वपूर्ण महकमा
खास बात यह रही की पहली बार एनडीए गवर्नमेंट में राजस्थान से कैबिनेट मंत्री बनने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत को जल शक्ति जैसा महत्वपूर्ण महकमा सौंपा गया है. यह वहीं डिपार्टमेंट है जिसे लेकर मोदी अपनी चुनावी सभाओं में भी कई बार जिक्र कर चुके हैं. माना जा रहा है कि इस विभाग के जरिए ही मरुधरा को पानी की समस्या से मुक्त किया जाएगा. मरुधरा ही नहीं देश में जहां भी पानी की कमी है. वहां इस विभाग के जरिए पानी पहुंचाया जाएगा. एक तरह से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की नदियों को जोड़ने जैसी योजना इसी विभाग के जरिए चलाई जाएगी.
जानिए कौन हैं जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत लगातार दूसरी बार जोधपुर से सांसद चुने गए हैं. इस बार चुनाव में शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराकर बड़ी जीत हासिल की है. इससे पहले शेखावत को पहली मोदी सरकार में कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया था. भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी से सदस्य रहे हैं. गजेंद्र सिंह ने जोधपुर की जेएनवी यूनिवर्सिटी से फिलोसॉफी में एमए करने के बाद फिलोसॉफी में ही एमफिल किया है. बता दें कि स्टूडेंट टाइम से ही शेखावत आरएसएस से जुड़े रहे हैं. साल 1992 में वो जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के अध्यक्ष थे.
अर्जुन राम मेघवाल को संसदीय कार्य, भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री का जिम्मा
उधर, पूर्व मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहे अर्जुन राम मेघवाल को इस बार संसदीय कार्य मंत्री के साथ भारी उद्योग का जिम्मा सौंपा गया है. पूर्व आईएएस मेघवाल को प्रशासनिक अनुभव बहुत अच्छा है. ऐसे में संसदीय कार्य से जुड़े सभी मुद्दों पर उनकी अच्छी पकड़ है.
जानिए कौन हैं बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल
अर्जुन राम मेघवाल आईएएस अफसर रह चुके है. साल 2009 में पहली बार सांसद बने थे. जिसके बाद 2014 में एक बार फिर जीत कर संसद गए. इस बार उन्होंने बीकानेर से जीत की हैट्रिक लगाई है. वे उस वक्त चर्चाओं में आए जब वे साइकिल से संसद पहुंच थे. बता दें कि साल 2010 में उन्हे राजस्थान में भाजपा का वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया था. इस दौरान वे केंद्र सरकार में कई पदों पर रहे. मेघवाल अपने कार्यकाल के दौरान रेलवे स्टेंडिंग समिति के सदस्य भी रहे. इसके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री, वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय जैसे पदों पर रहकर भी काम देखा. साल 2017 से उनके पास संसदीय कार्य मंत्रालय और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय था.
जैसलमेर-बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी को बनाया कृषि राज्य मंत्री
इसी तरह जैसलमेर-बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी को कृषि राज्य मंत्री बनाया गया है. पिछली बार भी ये महकमा राजस्थान के हिस्से ही था और गजेंद्र सिंह शेखावत पूर्व की मोदी सरकार में कृषि राज्यमंत्री के पद पर कार्यरत थे. बता दें कि कैलाश चौधरी ने पहली बार सांसद का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. उन्होंने बाड़मेर से कांग्रेस में शामिल हुए दिग्गज नेता और जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र को हराया है.
जानिए कौन हैं जैसलमेर-बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी
जैसलमेर-बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष हैं. बायतु के पूर्व विधायक कैलाश चौधरी तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके है. एक बार जीते और दो बार हार का मुंह देखना पड़ा. चौधरी की भाजपा किसान मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ-साथ संगठन में मजबूत पकड़ है. चौधरी को पहली बार लोकसभा का टिकट मिला. जिसमें उन्होंने बाड़मेर से जीत का परचम फहराया. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार और जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को पराजित किया है.