जयपुर. इंटरनेट, कंप्यूटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक को लोगों की जरूरत से जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि लोगों के जीवन को सुविधाजनक बनाया जा सके. साथ ही तकनीक को जनता के लिए बनाई गई पॉलिसी से जोड़ने की जरूरत है. यह कहना है प्रदेश के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता का.
दरअसल, डीबी गुप्ता शुक्रवार को उद्योग विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से आयोजित राजस्थान डिजिटेक समिट में देशभर से आए आईटी विशेषज्ञों को संबोधित कर रहे थे. जहां मीडिया से रूबरू होते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार इस वर्ष बड़ा काम कर रही है. कुछ दिनों पहले एमएसएमई ऑर्डिनेंस आया था, इसके तहत स्टार्टअप को तीन साल तक किसी भी तरह की क्लीयरेंस लेने की जरूरत नहीं है. इसके चलते पहले दिन 120 प्रार्थना पत्र आए और सभी को अनुमति दे दी गई और आज तक यह आंकड़ा 520 तक पहुंच चुका है.
उन्होंने कहा कि अभी नीति आयोग की बैठक में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गवर्मेंट ऑफ इंडिया को कहा है कि ऐसी व्यवस्था गवर्मेंट ऑफ इंडिया भी शुरू कर दे तो स्टार्ट अप को और प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ही गवर्नेंस में भी तकनीक मदद ले रही है. आज प्रदेश में पीडीएस सिस्टम तकनीक पर आधारित है और पास मशीन के माध्यम से भामाशाह को लिंक करके राशन दिया जा रहा है. पेंशन और स्कॉलरशिप को भी तकनीक से जोड़ा गया है.
डीबी गुप्ता ने आगे कहा कि जनता को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले इसलिए तकनीक का ज्यादा उपयोग किया जा रहा है और इस मामले में पिछले 8 से 10 सालों में काफी प्रगति हुई है. डीबी गुप्ता ने कहा कि आम जनता से जुड़े ट्रांसपोर्ट और पानी में भी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. ट्रांसपोर्ट में ऑनलाइन लाइसेंस दिए जा रहे हैं तो पानी में स्मार्ट मीटर का उपयोग किया जा रहा है ताकि आम जनता तक मदद पहुंचाई जा सके. उन्होंने कहा कि तकनीक और पॉलिसी को इस तरह से जोड़ा जाना चाहिए जिससे जनता की भलाई हो सके. तकनीक के साथ जनता को ठगी का डर भी रहता है.
इस दौरान तकनीक में सुरक्षा को लेकर भी डीबी गुप्ता ने कहा कि एक्सपर्ट को इसके बारे में भी कोई हल निकालना चाहिए. जब तक आईटी एक्सपर्ट इस समस्या को हल नहीं करता है तब तक तकनीक अपनाने में जनता को डर ही रहेगा. डीबी गुप्ता ने कहा कि हैकिंग जैसी समस्या से निजात पाने के लिए इसमें क्रिमिनल केस बनना चाहिए और एक बड़ा जुर्माना भी लगना चाहिए ताकि आगे से कोई इस तरह का अपराध न कर सके.