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पशुधन सहायक भर्ती 2016 : पुरानी भर्ती के पद शामिल नहीं होने पर लागू नहीं होगा डीओपी का परिपत्र : HC - पशुधन सहायक भर्ती

राजस्थान हाईकोर्ट ने पशुधन सहायक भर्ती 2016 की प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति नहीं देने के मामले में कहा है कि पूर्व की भर्ती के खाली पदों को नई भर्ती में शामिल नहीं करने पर डीओपी का 26 अप्रैल 2018 का परिपत्र लागू नहीं होगा.

राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : May 21, 2019, 10:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पशुधन सहायक भर्ती 2016 की प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति नहीं देने के मामले में कहा है कि पूर्व की भर्ती के खाली पदों को नई भर्ती में शामिल नहीं करने पर डीओपी का 26 अप्रैल 2018 का परिपत्र लागू नहीं होगा. ऐसे में पूर्व की भर्ती की प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां दी जा सकती है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को 4 सप्ताह में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. न्यायधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश विनोद कुमार गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

पुरानी भर्ती के पद शामिल नहीं होने पर लागू नहीं होगा डीओपी का परिपत्र

याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को पशुधन सहायक भर्ती 2016 की प्रतीक्षा सूची में स्थान मिला था. कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां देने की सिफारिश कर दी थी. वहीं विभाग ने कार्मिक विभाग के 26 अप्रैल 2018 के परिपत्र को आधार बनाकर यह कहते हुए नियुक्ति से इनकार कर दिया कि परिपत्र के तहत नई भर्ती की परीक्षा होने के बाद पुरानी भर्ती के पद समाप्त माने जाते हैं.

याचिका में कहा गया कि 2016 की भर्ती की प्रतीक्षा सूची वर्ष 2018 में निकाली गई भर्ती के बाद जारी की गई है. ऐसे में वर्ष 2018 की भर्ती में पुरानी भर्ती के खाली पदों को शामिल नहीं किया गया है. इसलिए उन्हें नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता. परिपत्र के प्रावधान तभी लागू होते हैं जब नई भर्ती में पुरानी भर्ती के पदों को शामिल किया गया हो.

जेनेटिकली मोडिफाइड फूड पर हाईकोर्ट का नोटिस
राजस्थान हाईकोर्ट ने कैबिनेट सचिव, पर्यावरण मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, उपभोक्ता मामलात मंत्रालय और एफएसएसएआई को नोटिस जारी कर पूछा है कि प्रतिबंध होने के बावजूद जेनेटिकली मोडिफाइड फूड कैसे बेचे जा रहे हैं. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश करते कृतेश ओसवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

जेनेटिकली मोडिफाइड फूड पर हाईकोर्ट का नोटिस

याचिका में कहा गया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत कोई भी व्यक्ति जीएम फूड का उत्पादन, वितरण, आयात और बिक्री आदि नहीं कर सकता है. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने गत 9 फरवरी को लोकसभा में जवाब दिया था कि जीएम फूड को लेकर कोई नियम नहीं है. याचिका में कहा गया कि इसके बावजूद जीएम फूड को कुछ कंपनियां आयात कर बेच रही है. जिससे लोगों को गंभीर बीमारियां होने का खतरा है. याचिका में एक संगठन की रिसर्च का हवाला देते हुए कहा गया कि इस संगठन में बाजार से 65 सैंपल लेकर जांच कराई थी. इनमें 16 सैंपल तेल, 39 सैम्पल पैक्ड फूड, 8 सैम्पल बच्चों के खाद्य पदार्थ और दो सैंपल प्रोटीन सप्लीमेंट्स के थे. इनमें से 21 सैंपल में जीएम फूड पाया गया.

याचिका में कहा गया कि FSSAI ने 6 कंपनियों को इस फूड को बेचने की अनुमति दे दी. याचिका में गुहार की गई है की जीएम आधारित फूड का बेचान रोक जाए और बाजार में मौजूद को इस फूड को जब्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पशुधन सहायक भर्ती 2016 की प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति नहीं देने के मामले में कहा है कि पूर्व की भर्ती के खाली पदों को नई भर्ती में शामिल नहीं करने पर डीओपी का 26 अप्रैल 2018 का परिपत्र लागू नहीं होगा. ऐसे में पूर्व की भर्ती की प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां दी जा सकती है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को 4 सप्ताह में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. न्यायधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश विनोद कुमार गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

पुरानी भर्ती के पद शामिल नहीं होने पर लागू नहीं होगा डीओपी का परिपत्र

याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को पशुधन सहायक भर्ती 2016 की प्रतीक्षा सूची में स्थान मिला था. कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां देने की सिफारिश कर दी थी. वहीं विभाग ने कार्मिक विभाग के 26 अप्रैल 2018 के परिपत्र को आधार बनाकर यह कहते हुए नियुक्ति से इनकार कर दिया कि परिपत्र के तहत नई भर्ती की परीक्षा होने के बाद पुरानी भर्ती के पद समाप्त माने जाते हैं.

याचिका में कहा गया कि 2016 की भर्ती की प्रतीक्षा सूची वर्ष 2018 में निकाली गई भर्ती के बाद जारी की गई है. ऐसे में वर्ष 2018 की भर्ती में पुरानी भर्ती के खाली पदों को शामिल नहीं किया गया है. इसलिए उन्हें नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता. परिपत्र के प्रावधान तभी लागू होते हैं जब नई भर्ती में पुरानी भर्ती के पदों को शामिल किया गया हो.

जेनेटिकली मोडिफाइड फूड पर हाईकोर्ट का नोटिस
राजस्थान हाईकोर्ट ने कैबिनेट सचिव, पर्यावरण मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, उपभोक्ता मामलात मंत्रालय और एफएसएसएआई को नोटिस जारी कर पूछा है कि प्रतिबंध होने के बावजूद जेनेटिकली मोडिफाइड फूड कैसे बेचे जा रहे हैं. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश करते कृतेश ओसवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

जेनेटिकली मोडिफाइड फूड पर हाईकोर्ट का नोटिस

याचिका में कहा गया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत कोई भी व्यक्ति जीएम फूड का उत्पादन, वितरण, आयात और बिक्री आदि नहीं कर सकता है. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने गत 9 फरवरी को लोकसभा में जवाब दिया था कि जीएम फूड को लेकर कोई नियम नहीं है. याचिका में कहा गया कि इसके बावजूद जीएम फूड को कुछ कंपनियां आयात कर बेच रही है. जिससे लोगों को गंभीर बीमारियां होने का खतरा है. याचिका में एक संगठन की रिसर्च का हवाला देते हुए कहा गया कि इस संगठन में बाजार से 65 सैंपल लेकर जांच कराई थी. इनमें 16 सैंपल तेल, 39 सैम्पल पैक्ड फूड, 8 सैम्पल बच्चों के खाद्य पदार्थ और दो सैंपल प्रोटीन सप्लीमेंट्स के थे. इनमें से 21 सैंपल में जीएम फूड पाया गया.

याचिका में कहा गया कि FSSAI ने 6 कंपनियों को इस फूड को बेचने की अनुमति दे दी. याचिका में गुहार की गई है की जीएम आधारित फूड का बेचान रोक जाए और बाजार में मौजूद को इस फूड को जब्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में पशुधन सहायक भर्ती 2016 की प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति नहीं देने के मामले में कहा है कि पूर्व की भर्ती के खाली पदों को नई भर्ती में शामिल नहीं करने पर डीओपी का 26 अप्रैल 2018 का परिपत्र लागू नहीं होगा। ऐसे में पूर्व की भर्ती की प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां दी जा सकती है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को 4 सप्ताह में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं। न्यायधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश विनोद कुमार गुप्ता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।


Body:याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को पशुधन सहायक भर्ती 2016 की प्रतीक्षा सूची में स्थान मिला था। कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी प्रतीक्षा सूची से नियुक्तियां देने की सिफारिश कर दी थी। वहीं विभाग ने कार्मिक विभाग के 26 अप्रैल 2018 के परिपत्र को आधार बनाकर यह कहते हुए नियुक्ति से इंकार कर दिया कि परिपत्र के तहत नई भर्ती की परीक्षा होने के बाद पुरानी भर्ती के पद समाप्त माने जाते हैं।
याचिका में कहा गया कि 2016 की भर्ती की प्रतीक्षा सूची वर्ष 2018 में निकाली गई भर्ती के बाद जारी की गई है। ऐसे में वर्ष 2018 की भर्ती में पुरानी भर्ती के खाली पदों को शामिल नहीं किया गया है। इसलिए उन्हें नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। परिपत्र के प्रावधान तभी लागू होते हैं जब नई भर्ती में पुरानी भर्ती के पदों को शामिल किया गया हो।


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