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RU के संविदा कर्मी सामूहिक अवकाश पर...नियमितकरण समेत ये है मांग

मांगें नहीं मानने पर भड़के राजस्थान यूनिवर्सिटी के संविदा कर्मियों ने सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जिसके चलते विश्वविद्यालय का कामकाज खासा प्रभावित हुआ.

संविदा कर्मी सामूहिक अवकाश पर
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Published : Jun 24, 2019, 5:21 PM IST

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में संविदा पर लगे कर्मचारी नियमित और राज्य सरकार को सूची नहीं भेजने की मांग को लेकर सोमवार से सामूहिक हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारी कई दिनों से विश्वविद्यालय प्रशासन से संविदा कर्मियों की सूची सरकार को भेजने की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि कुछ दिन पहले भी संविदा कर्मियों ने सूची भेजने की मांग को लेकर कुलपति सचिवालय से लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय तक प्रदर्शन किया था और अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी. उसके बाद भी प्रशासन नहीं जागा जिसके बाद सोमवार से विश्वविद्यालय में यह संविदा कर्मी हड़ताल पर बैठ गए. इस घटना के बाद विश्वविद्यालय का कामकाज प्रभावित हुआ.

संविदा कर्मी सामूहिक अवकाश पर

दरअसल, राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का कामकाज संविदा कर्मियों के सहारे ही होता है. विश्वविद्यालय में अशैक्षणिक स्टाफ के 796 पद खाली हैं, वहीं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन से लेकर 9 महाविद्यालय और 35 विभागों में करीब 940 संविदा कर्मी लगे हुए हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित करने की बात कही थी. इसके बाद सभी विभागों में लगे संविदा कर्मियों की सूची संबंधित विभाग से मांगी थी.

विश्वविद्यालय के संविदा कर्मियों का कहना है कि सभी विभागों ने सूची सरकार को भेज दी है, लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन सूची नहीं भेज रहा है. सूची नहीं भेजने के विरोध में आज से कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि विवि प्रशासन प्लेसमेंट फर्म से मिलीभगत करने में जुटा हुआ है और चहेतों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. प्रदर्शनकारियों ने मांग रखी है कि उनकी न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये किया जाए.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में संविदा पर लगे कर्मचारी नियमित और राज्य सरकार को सूची नहीं भेजने की मांग को लेकर सोमवार से सामूहिक हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारी कई दिनों से विश्वविद्यालय प्रशासन से संविदा कर्मियों की सूची सरकार को भेजने की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि कुछ दिन पहले भी संविदा कर्मियों ने सूची भेजने की मांग को लेकर कुलपति सचिवालय से लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय तक प्रदर्शन किया था और अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी. उसके बाद भी प्रशासन नहीं जागा जिसके बाद सोमवार से विश्वविद्यालय में यह संविदा कर्मी हड़ताल पर बैठ गए. इस घटना के बाद विश्वविद्यालय का कामकाज प्रभावित हुआ.

संविदा कर्मी सामूहिक अवकाश पर

दरअसल, राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का कामकाज संविदा कर्मियों के सहारे ही होता है. विश्वविद्यालय में अशैक्षणिक स्टाफ के 796 पद खाली हैं, वहीं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन से लेकर 9 महाविद्यालय और 35 विभागों में करीब 940 संविदा कर्मी लगे हुए हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित करने की बात कही थी. इसके बाद सभी विभागों में लगे संविदा कर्मियों की सूची संबंधित विभाग से मांगी थी.

विश्वविद्यालय के संविदा कर्मियों का कहना है कि सभी विभागों ने सूची सरकार को भेज दी है, लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन सूची नहीं भेज रहा है. सूची नहीं भेजने के विरोध में आज से कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं. वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि विवि प्रशासन प्लेसमेंट फर्म से मिलीभगत करने में जुटा हुआ है और चहेतों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. प्रदर्शनकारियों ने मांग रखी है कि उनकी न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये किया जाए.

Intro:जयपुर- राजस्थान विश्वविद्यालय में संविदा पर लगे कर्मचारी नियमित और राज्य सरकार को सूची नहीं भेजने की मांग को लेकर सोमवार से सामूहिक हड़ताल पर चले गए। कर्मचारी कई दिनों से विश्वविद्यालय प्रशासन से संविदा कर्मियों की सूची को सरकार को भेजने की मांग कर रहे है। कुछ दिन पहले संविदा कर्मियों ने सूची भेजने की मांग को लेकर कुलपति सचिवालय से लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय तक प्रदर्शन भी किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी भी दी थी। उसके बाद भी प्रशासन नहीं जागा जिसके बाद सोमवार से विश्वविद्यालय में यह संविदा कर्मी हड़ताल पर बैठ गए।




Body:संविदा कर्मियों के धरने पर बैठ जाने से विश्वविद्यालय का कामकाज प्रभावित हुआ। राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का कामकाज संविदा कर्मियों के सहारे ही होता है। विश्वविद्यालय में अशैक्षणिक स्टाफ के 796 पद खाली है। वहीं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन से लेकर 9 महाविद्यालय, 35 विभागों में करीब 940 संविदा कर्मी लगे हुए हैं।

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित करने की बात कही थी। इसके बाद सभी विभागों में लगे संविदा कर्मियों की सूची संबंधित विभाग से मांगी थी। विश्वविद्यालय के संविदा कर्मियों का कहना है कि सभी विभागों ने सूची सरकार को भेज दी है लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन सूची नहीं भेज रहा है। सूची नहीं भेजने के विरोध में आज से कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले गए है। वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि विवि प्रशासन प्लेसमेंट फर्म से मिलीभगत करने में जुटा हुआ है और चहेतों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। वहीं संविदा कर्मी ने मांग रखी है कि उनकी न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये किया जाए।

बाईट- राजीव पांडेय, अध्यक्ष, संविदा कर्मी संघ


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