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पीएम कुसुम योजना: जयपुर के भालोजी गांव में स्थित सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पादन शुरू

जयपुर के भालोजी गांव में स्थित सौर ऊर्जा संयंत्र से ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो गया है. यह पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट-ए योजना के तहत शुरू किया गया था. 1 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना का निर्माण लगभग 3.70 करोड़ की लागत से किया गया है.

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जयपुर के भालोजी गांव में स्थित सौर ऊर्जा संयंत्र से उत्पादन शुरू
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Published : Apr 1, 2021, 10:31 PM IST

जयपुर. राज्य में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा संचालित पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट-ए योजना के अंतर्गत देश के प्रथम सौर ऊर्जा संयंत्र से जयपुर जिले की कोटपूतली तहसील भालोजी गांव में गुरुवार को ऊर्जा उत्पादन शुरू हो गया है. परियोजना की स्थापना के लिए विद्युत क्रय अनुबंध गत 2 सितम्बर को जयपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से राजस्थान ऊर्जा विकास निगम तथा देवकरण यादव के मध्य 25 वर्ष की अवधि के लिए किया गया है. इस परियोजना का निर्माण 3.50 एकड़ भूमि पर किया गया हैं और 1 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना का निर्माण लगभग 3.70 करोड़ की लागत से किया गया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार की प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विकास एवं निवेश की महत्वकांक्षी योजनाएं हैं. वर्तमान सरकार द्वारा दिसम्बर 2019 में सौर ऊर्जा एवं पवन तथा हाईब्रिड ऊर्जा की नवीन नीतियां भी जारी की जा चुकी है. 2025 तक कुल 38000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापना का लक्ष्य है, जिसमें रूफटाप विकेन्द्रीकृत एवं मेगा सोलर एवं हाईब्रिड पार्कों की परियोजनाएं सम्मिलित है. ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने बताया कि यह बड़े ही गौरव का विषय है कि राज्य के किसान द्वारा अपनी बंजर एवं अनुपयोगी भूमि पर कुसुम-ए योजना के अन्तर्गत सौर ऊर्जा से विद्युत की प्रथम परियोजना स्थापित कर राजस्थान देश प्रथम राज्य बन गया है.

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कल्ला के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा बजट घोषणा 2019-20 में प्रदेश में इस योजना के अन्तर्गत 2600 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से अब तक 722 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए लेटर ऑफ अवार्ड जारी किए जा चुके हैं. राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. सुबोध अग्रवाल द्वारा परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया हैं कि इस प्रोजेक्ट से अनुमानित 17 लाख युनिट विद्युत का उत्पादन प्रतिवर्ष होगा, जिसे जयपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा 3.14 रुपए प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्ष तक क्रय किया जाएगा. इससे संबंधित कृषक को प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होगा.

डॉ. अग्रवाल के अनुसार प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी एम कुसुम) योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके कम्पोनेन्ट ए का राज्य मे क्रियान्वयन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा किया जा रहा है. इस योजना के प्रथम चरण में कुल 722 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 623 सोर ऊर्जा उत्पादकों का चयन किया गया है. इस योजना के तहत आगामी चरणों में कुल 2800 मेगावाट क्षमता स्थापित करने की योजना है.

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प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा दिनेश कुमार द्वारा इस योजना के कियान्वयन के बारे में बताया गया कि कुसुम कम्पोनेन्ट-ए का क्रियान्वयन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम संबंधित डिस्कॉम तथा राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के संयुक्त तत्वावधान से किया जा रहा है तथा प्रथम चरण में 623 सौर ऊर्जा उत्पादकों (एस.पी.जी) में से 201 सौर ऊर्जा उत्पादकों द्वारा परियोजना सुरक्षा राशि जमा करा दी गई है. इनमें से 170 एसपीजी ने विद्युत क्रय अनुबन्ध साइन कर लिए हैं. प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन से स्थानीय किसानों की बंजर एवं अनुपयोगी भूमि से आय के नए स्त्रोतों का विकास, स्थानीय स्तर पर रोजगार में वृद्धि विद्युत वितरण निगमों की विद्युत छीजत में कमी के साथ-साथ राज्य में प्रदूषण रहित एवं स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

जयपुर. राज्य में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा संचालित पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट-ए योजना के अंतर्गत देश के प्रथम सौर ऊर्जा संयंत्र से जयपुर जिले की कोटपूतली तहसील भालोजी गांव में गुरुवार को ऊर्जा उत्पादन शुरू हो गया है. परियोजना की स्थापना के लिए विद्युत क्रय अनुबंध गत 2 सितम्बर को जयपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से राजस्थान ऊर्जा विकास निगम तथा देवकरण यादव के मध्य 25 वर्ष की अवधि के लिए किया गया है. इस परियोजना का निर्माण 3.50 एकड़ भूमि पर किया गया हैं और 1 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना का निर्माण लगभग 3.70 करोड़ की लागत से किया गया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार की प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विकास एवं निवेश की महत्वकांक्षी योजनाएं हैं. वर्तमान सरकार द्वारा दिसम्बर 2019 में सौर ऊर्जा एवं पवन तथा हाईब्रिड ऊर्जा की नवीन नीतियां भी जारी की जा चुकी है. 2025 तक कुल 38000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापना का लक्ष्य है, जिसमें रूफटाप विकेन्द्रीकृत एवं मेगा सोलर एवं हाईब्रिड पार्कों की परियोजनाएं सम्मिलित है. ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने बताया कि यह बड़े ही गौरव का विषय है कि राज्य के किसान द्वारा अपनी बंजर एवं अनुपयोगी भूमि पर कुसुम-ए योजना के अन्तर्गत सौर ऊर्जा से विद्युत की प्रथम परियोजना स्थापित कर राजस्थान देश प्रथम राज्य बन गया है.

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कल्ला के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा बजट घोषणा 2019-20 में प्रदेश में इस योजना के अन्तर्गत 2600 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से अब तक 722 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए लेटर ऑफ अवार्ड जारी किए जा चुके हैं. राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. सुबोध अग्रवाल द्वारा परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया हैं कि इस प्रोजेक्ट से अनुमानित 17 लाख युनिट विद्युत का उत्पादन प्रतिवर्ष होगा, जिसे जयपुर विद्युत वितरण निगम द्वारा 3.14 रुपए प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्ष तक क्रय किया जाएगा. इससे संबंधित कृषक को प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होगा.

डॉ. अग्रवाल के अनुसार प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी एम कुसुम) योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके कम्पोनेन्ट ए का राज्य मे क्रियान्वयन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा किया जा रहा है. इस योजना के प्रथम चरण में कुल 722 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 623 सोर ऊर्जा उत्पादकों का चयन किया गया है. इस योजना के तहत आगामी चरणों में कुल 2800 मेगावाट क्षमता स्थापित करने की योजना है.

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