नागौर. सदर थाना पुलिस पर दिल्ली की दो युवतियों से गैंगरेप मामले में एफआईआर दर्ज नहीं. साथ ही युवतियों को दिल्ली भेजे जाने के आरोपों का जवाब देने के लिए नागौर जिले के पुलिस के एसटी-एसटी सेल के वृत्ताधिकारी श्रवणदास संत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने मीडिया को बताया कि नागौर के महिला थाने में दिल्ली की दो युवतियों से गैंगरेप का मुकदमा आईपीसी की धारा 376 डी, 356, 379 और आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही बताया कि 3 जून को दोनों युवतियों के नागौर आने के बाद मेडिकल जांच और 164 के बयान के बाद ही सही तरह से तफ्तीश से जुड़े तमाम औपचारिकता पुलिस पूरी करेगी. पुलिस के मुताबिक 3 लोग इस मामले में आरोपी हैं. जिनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है.
नौकरी दिलाने का झांसा देकर दो युवतियों को बनाया हवस का शिकार
दरअसल, पीड़ित युवती की ओर से जो FIR दर्ज कराई है. उसके मुताबिक फेसबुक और मोबाइल के जरिए करीब तीन-चार महीने पहले नौकरी दिलाने को लेकर नागौर निवासी दीपक और उसके दोस्तों से बातचीत हुई थी. इस दौरान 3 महीने की ट्रेनिंग के लिए ₹20 हजार लेकर आने को कहा. बीती 25 मई को दोनों युवतियां बस के जरिए दिल्ली से नागौर आई थी. नागौर में दीपक गाड़ी लेकर आया था. रिपोर्ट में बताया कि दीपक ने दोनों युवतियों को गाड़ी में बैठाकर नागौर के पास सुनसान जंगल में ले गया. रात 10:00 बजे बाद एक युवती को गाड़ी से उतार कर पास के बने कमरे में ले गया. साथ ही दूसरी युवती गाड़ी में बैठी रही. इस दौरान और वहां से तीन चार लड़कों ने बारी-बारी से दोनों के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया.
गर्दन पर पिस्तौल और चाकू रखकर की ज्यादती
रिपोर्ट के मुताबिक युवतियों ने जब विरोध किया तो गर्दन पर पिस्तौल और चाकू रखकर जबरन दुष्कर्म किया. रिपोर्ट में बताया कि 26 मई को दोपहर में 3:00 बजे दोनों युवतियों के साथ मारपीट भी हुई साथ ही नकदी और सोने के पेंडल छीन लिए गए. बाद में दोनों पीड़ित युवतियों के प्रार्थना करने पर उनको छोड़ दिया गया. जहां से दोनों युवती सदर थाने पहुंची. मामले की जांच कर रहे श्रवणदास संत ने बताया कि दोनों युवतियां सदर थाने पहुंची तो सूचना मिलने पर वे भी थाने पहुंचे और उसे रिपोर्ट देने को कहा, लेकिन दोनों युवतियों ने कहा कि वे पहले दिल्ली जाकर अपने परिजनों से बात करेगी और फिर एफआईआर दर्ज कराएंगी. इसके बाद पुलिस ने उन्हें दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया. इसके बाद नागौर पुलिस एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दोनों से लगातार संपर्क में रहे आखिरकार 30 मई को उनकी तरफ से ऑनलाइन FIR की कॉपी मिलने पर नागौर के महिला थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया. अब 3 जून को दोनों युवतियों के नागौर आने के बाद अनुसंधान गति से आगे जांच होगी.
FIR दर्ज करने में देरी पर पुलिस ने दी सफाई
सीओ श्रवणदास संत ने बताया कि इस मामले में FIR दर्ज करने में देरी करने का जो आरोप लगाए जा रहे हैं. वह सही नहीं है. पीड़ित पक्ष ने इसमें देरी की है. पुलिस इस तरह के मामलों में पूरी तरह गंभीर होकर पूरी तेजी से कार्रवाई करती है. आपको बता दें कि इस मामले में देरी से एफआईआर दर्ज करने की बात सामने आई थी. उसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए है और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरजीतसिंह मीणा जल्दी रिपोर्ट बनाकर पेश करेंगे.
गौरतलब है कि अलवर गैंगरेप मामले के बाद पुलिस की लेटलतीफी के चक्कर में कई सवाल खड़े हुए थे. अब नागौर गैंगरेप मामले में पुलिस की लेटलतीफी के चलते सवाल खड़े होने पर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नागौर पुलिस की तरफ से जानकारी दी गई. साथ ही पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है.