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विश्व नशा मुक्ति दिवस : नशे की लत ने बर्बाद की जिंदगी तो लड़ने की ठानी, अब दोस्तों को भी करवाएगा 'आजाद'

विश्व नशा मुक्ति दिवस के मौके पर जागरूकता अभियान लगातार जारी है. वहीं, जयपुर के एक शख्स ने इस दलदल से खुद को तो निकाला ही है अब दूसरों को भी नशा मुक्त करने की ठानी है.

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Published : Jun 26, 2019, 5:40 PM IST

विश्व नशा मुक्ति दिवस पर नशे से लड़ने की ठानी

जयपुर. आज विश्व नशा मुक्ति दिवस है. इस मौके पर देश-प्रदेश में नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है. आपके आसपास भी ऐसे लोगों की बड़ी तादाद होगी जो किसी ना किसी रूप से नशा करने के आदी हो चुके हैं. इनमें से बहुत लोगों ने अपनी जिंदगी के साथ-साथ दूसरों की जिंदगी को भी बर्बाद किया होगा. लेकिन आज हम आपको बताते हैं ऐसे शख्स के बारे में जिसने नशे में खुद की जिंदगी के कई साल बर्बाद कर दिया, लेकिन इलाज के बाद उसने नशे की लत से आजादी पा ली.

विश्व नशा मुक्ति दिवस पर नशे से लड़ने की ठानी

दोस्तों से लगी नशे की लत, अब दोस्तों को करेंगे नशा मुक्त
जयपुर के आदर्श नगर के रहने वाले 23 साल के शिवम तंबोली को पिछले 6 महीने से हीरोइन के नशे की लत लग गई. शिवम 24 घंटे इसका नशा करता था और 6 महीनों में उसने नशे में लाखों रुपये बर्बाद कर दिए. यहां तक कि महीने में जितना कमाता था वो सारा नशे में उड़ा देता था. शिवम ने बताया कि हीरोइन की लत दोस्तों से लगी थी और कई बार दोस्त शिवम के सामने नशा ना छोड़ पाने की शर्त रखते थे, लेकिन आज शिवम को बेहतर उपचार मिला. जिसके बाद उन्होंने ये वादा किया कि वे अपने दोस्तों को भी नशे से मुक्त करवाएंगे.

शिवम ने आगे बताया कि हीरोइन का नशा करते हुए पूरा शरीर दुबला हो गया और कई बार नशे को छोड़ने की कोशिश की, लेकिन शरीर ने भी साथ देना छोड़ दिया. शिवम अपने माता-पिता और पत्नी की आड़ में नशे में इतना धुत हो गया कि अपने आप को संभलना मुश्किल हो गया. माता-पिता को जैसे ही पता चला वे तुरंत शिवम को गौतम हॉस्पिटल इलाज के लिए लाए और यहां इलाज पाकर शिवम अब खुद के साथ दूसरों को भी नशे से मुक्त करना चाहता है.

18 की उम्र में शुरू किया एल्कोहल...अब पाई मुक्ति
जयपुर के झोटवाड़ा के रहने वाले 38 साल के राकेश कुमार जांगिड़ को 18 साल की उम्र से ही एल्कोहल की लत लग गयी. 18 साल से नशे के दलदल में फंसते गए राकेश वैवाहिक जीवन पर भी असर हुआ, लेकिन फिर भी नशा नहीं छोड़ा. राकेश कुमार रात की नींद के अलावा पूरे दिन इसका नशा करते थे लेकिन जब से काउंसलिंग मिली तब से वे नशे की दलदल से बाहर नीले और अन्य लोगों को भी नशा ना करने का संदेश देते हैं.

गौतम हॉस्पिटल के डॉ. शिव गौतम ने बताया कि देशभर के 20 प्रतिशत युवा नशे की लत में गिरफ्त हैं वहीं, 6 प्रतिशत ऐसे हैं जिनको तुरंत इलाज की आवश्यकता है. गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट नशे की शुरुआत है और फिर बड़े नशे की ओर इंसान बढ़ता है. गौतम ने बताया कि भांग, गांजे, शराब, कोकीन, अफीम, हीरोइन आदि के नशे इंसान के मस्तिष्क, हार्ट, लिवर, किडनी और शरीर के अन्य अंग को प्रभावित करता है. गौतम ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि वे खुद नशे से दूर रहे. उन्होंने लोगों से अपील की कि खुद भी नशे से बचें और दूसरों को भी बचाने का प्रयास करें.

जयपुर. आज विश्व नशा मुक्ति दिवस है. इस मौके पर देश-प्रदेश में नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जा रहा है. आपके आसपास भी ऐसे लोगों की बड़ी तादाद होगी जो किसी ना किसी रूप से नशा करने के आदी हो चुके हैं. इनमें से बहुत लोगों ने अपनी जिंदगी के साथ-साथ दूसरों की जिंदगी को भी बर्बाद किया होगा. लेकिन आज हम आपको बताते हैं ऐसे शख्स के बारे में जिसने नशे में खुद की जिंदगी के कई साल बर्बाद कर दिया, लेकिन इलाज के बाद उसने नशे की लत से आजादी पा ली.

विश्व नशा मुक्ति दिवस पर नशे से लड़ने की ठानी

दोस्तों से लगी नशे की लत, अब दोस्तों को करेंगे नशा मुक्त
जयपुर के आदर्श नगर के रहने वाले 23 साल के शिवम तंबोली को पिछले 6 महीने से हीरोइन के नशे की लत लग गई. शिवम 24 घंटे इसका नशा करता था और 6 महीनों में उसने नशे में लाखों रुपये बर्बाद कर दिए. यहां तक कि महीने में जितना कमाता था वो सारा नशे में उड़ा देता था. शिवम ने बताया कि हीरोइन की लत दोस्तों से लगी थी और कई बार दोस्त शिवम के सामने नशा ना छोड़ पाने की शर्त रखते थे, लेकिन आज शिवम को बेहतर उपचार मिला. जिसके बाद उन्होंने ये वादा किया कि वे अपने दोस्तों को भी नशे से मुक्त करवाएंगे.

शिवम ने आगे बताया कि हीरोइन का नशा करते हुए पूरा शरीर दुबला हो गया और कई बार नशे को छोड़ने की कोशिश की, लेकिन शरीर ने भी साथ देना छोड़ दिया. शिवम अपने माता-पिता और पत्नी की आड़ में नशे में इतना धुत हो गया कि अपने आप को संभलना मुश्किल हो गया. माता-पिता को जैसे ही पता चला वे तुरंत शिवम को गौतम हॉस्पिटल इलाज के लिए लाए और यहां इलाज पाकर शिवम अब खुद के साथ दूसरों को भी नशे से मुक्त करना चाहता है.

18 की उम्र में शुरू किया एल्कोहल...अब पाई मुक्ति
जयपुर के झोटवाड़ा के रहने वाले 38 साल के राकेश कुमार जांगिड़ को 18 साल की उम्र से ही एल्कोहल की लत लग गयी. 18 साल से नशे के दलदल में फंसते गए राकेश वैवाहिक जीवन पर भी असर हुआ, लेकिन फिर भी नशा नहीं छोड़ा. राकेश कुमार रात की नींद के अलावा पूरे दिन इसका नशा करते थे लेकिन जब से काउंसलिंग मिली तब से वे नशे की दलदल से बाहर नीले और अन्य लोगों को भी नशा ना करने का संदेश देते हैं.

गौतम हॉस्पिटल के डॉ. शिव गौतम ने बताया कि देशभर के 20 प्रतिशत युवा नशे की लत में गिरफ्त हैं वहीं, 6 प्रतिशत ऐसे हैं जिनको तुरंत इलाज की आवश्यकता है. गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट नशे की शुरुआत है और फिर बड़े नशे की ओर इंसान बढ़ता है. गौतम ने बताया कि भांग, गांजे, शराब, कोकीन, अफीम, हीरोइन आदि के नशे इंसान के मस्तिष्क, हार्ट, लिवर, किडनी और शरीर के अन्य अंग को प्रभावित करता है. गौतम ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि वे खुद नशे से दूर रहे. उन्होंने लोगों से अपील की कि खुद भी नशे से बचें और दूसरों को भी बचाने का प्रयास करें.

Intro:जयपुर- आज नशा मुक्ति दिवस है। आपके आसपास भी ऐसे लोगों की बड़ी तादाद होगी जो किसी ना किसी रूप से नशा करने के आदी हो चुके हैं। इनमें से बहुत लोगों ने अपनी जिंदगी के साथ साथ दूसरों की जिंदगी को भी बर्बाद किया है लेकिन आज हम आपको बताते है ऐसे शख्सों के बारे में जिसने नशे में खुद की जिंदगी के कई साल बर्बाद कर दिए लेकिन इलाज के बाद उसने नशे की लत से आजादी पा ली।


Body:दोस्तों से लगी नशे की लत, अब दोस्तों को करेंगे नशा मुक्त
जयपुर के आदर्श नगर के रहने वाले 23 साल के शिवम तम्बोली को पिछले 6 महीने से हीरोइन नाम के नशे की लत लग गयी। शिवम 24 घंटे इसका नशा करता था और 6 महीनों में शिवम ने नशे में लाखों रुपये बर्बाद कर दिए यहां तक कि महीने में जितना कमाता था वो सारा नशे में उड़ा देता था। शिवम ने बताया कि हीरोइन की लत दोस्तों से लगी थी और कई बार दोस्त शिवम को नशा ना छोड़ पाने की शर्त रखते थे लेकिन आज शिवम को बेहतर उपचार मिला जिसके बाद उन्होंने ये वादा किया कि वे अपने दोस्तों को भी नशे से मुक्त करवाएंगे। शिवम ने बताया कि हीरोइन का नशा करते हुए पूरा शरीर दुबला हो गया और कई बार नशे को छोड़ने की कोशिश की लेकिन शरीर ने भी साथ देना छोड़ दिया। शिवम अपने माता पिता और पत्नी की आड़ में नशे में इतना धुत हो गया कि अपने आप को संभलना मुश्किल हो गया। माता पिता को जैसे ही पता चला वे तुरंत शिवम को गौतम हॉस्पिटल इलाज के लिए लाए और यहां इलाज पाकर शिवम अब नशे को मुक्त करना चाहता है।

18 की उम्र में शुरू किया एल्कोहल, अब छोड़ा नशा
जयपुर के झोटवाड़ा के रहने वाले 38 साल के राकेश कुमार जांगिड़ को 18 साल की उम्र से ही एल्कोहल की लत लग गयी। 18 साल से नशे के दलदल में फंसते गए राकेश वैवाहिक जीवन पर भी असर हुआ लेकिन फिर भी नशा नहीं छोड़ा। राकेश कुमार रात की नींद के अलावा पूरे दिन इसका नशा करते थे लेकिन जब से काउंसलिंग मिली तब से वे नशे की दलदल से बाहर नीले और अन्य लोगों को भी नशा ना करने का संदेश देते है।

गौतम हॉस्पिटल के डॉ शिव गौतम ने बताया कि देशभर के 20 प्रतिशत युवा नशे की लत में गिरफ्त है वही 6 प्रतिशत ऐसे है जिनको तुरंत इलाज की आवश्यकता है। गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट नशे की शुरुवात है और फिर बड़े नशे की ओर इंसान बढ़ता है। गौतम ने बताया कि भांग, गांजे, शराब, कोकीन, अफीम, हीरोइन आदि के नशे इंसान के मस्तिष्क, हार्ट, लिवर, किडनी और शरीर के अन्य अंग को प्रभावित करता है। गौतम ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि स्वयं नशे से दूर रहे। हर नशे से बचे और दूसरों को भी बचाने का प्रयास करे।

बाईट- शिवम तिबोली, मरीज
बाईट- राकेश कुमार जांगिड़, मरीज
बाईट- डॉ शिव गौतम, डॉक्टर


Conclusion:
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