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बूंदी : पीसीपीएनडीटी मामले में संचालिका सहित डॉक्टर को 3 साल की सजा

बूंदी के एक सोनोग्राफी सेंटर में रिकॉर्ड मेंटेन नहीं करने के मामले में पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने महिला संचालक सहित डॉक्टर को दंडित किया है. वहीं, इस संटर पर लापरवाही और गलत करीके से काम करने का आरोप था.

पीसीपीएनडीटी मामले में सजा
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Published : Jun 19, 2019, 6:49 PM IST

बूंदी. छात्रपुरा इलाके में वर्ष 2010-11 में संचालित हो रहे अंकित सोनोग्राफी सेंटर में सोनोग्राफी का रिकॉर्ड मेंटेन नहीं करने पर बूंदी पीसीपीएनडीटी द्वारा कार्रवाई की गई थी. मामला सही पाए जाने पर संचालिका माया गुप्ता और डॉ. राजीव गुप्ता को विभाग ने आरोपी बनाया और मामले की जांच शुरू की. इसी कड़ी में आज पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाई है.

पीसीपीएनडीटी मामले में सजा

गौरतलब है कि बूंदी शहर के छात्र पूरा रोड पर स्थित माया अस्पताल में अंकित सोनोग्राफी सेंटर वर्ष 2010-11 में चला करता था. यहां एक मरीज द्वारा यह शिकायत की गई थी कि अंकित सोनोग्राफी सेंटर में सोनोग्राफी करते समय विभिन्न लापरवाही व रिकॉर्ड को मेंटेन नहीं किया जा रहा है और गलत तरीके से काम किया जा रहा है. इस शिकायत पर तत्कालीन सीएमएचओ हेमराज व उनकी टीम ने कार्रवाई की और रिकॉर्ड आंकड़ों के अनुसार गलत पाया गया. वहीं, गलत तरीके से सोनोग्राफी सेंटर चलाना पाया गया.

इस कार्रवाई में पीसीपीएनडीटी ने उक्त मामले को कोटा पीसीपीएनडीटी कोर्ट में पेश किया. जहां दोनों पर आरोप सिद्ध हुए. इस पर पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने वर्ष 2016 में एसीजेएम कोर्ट को यह पूरा मामला सौंप दिया और दोनों के मामले लंबीत चले. ऐसे में बुधवार को अंडरट्रायल पूरा हो गया और दोनों आरोपी कोर्ट में पेश हुए. जहां कोर्ट ने संचालिका माया गुप्ता व चिकित्सक राजीव गुप्ता को 3 साल की सजा सुनाई है और 10 हजार का आर्थिक दंड लगाया. इस दौरान आरोपी मीडिया को देखकर छुपते हुए नजर आए और अपने आरोपों को झूठा बताया.

बूंदी. छात्रपुरा इलाके में वर्ष 2010-11 में संचालित हो रहे अंकित सोनोग्राफी सेंटर में सोनोग्राफी का रिकॉर्ड मेंटेन नहीं करने पर बूंदी पीसीपीएनडीटी द्वारा कार्रवाई की गई थी. मामला सही पाए जाने पर संचालिका माया गुप्ता और डॉ. राजीव गुप्ता को विभाग ने आरोपी बनाया और मामले की जांच शुरू की. इसी कड़ी में आज पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाई है.

पीसीपीएनडीटी मामले में सजा

गौरतलब है कि बूंदी शहर के छात्र पूरा रोड पर स्थित माया अस्पताल में अंकित सोनोग्राफी सेंटर वर्ष 2010-11 में चला करता था. यहां एक मरीज द्वारा यह शिकायत की गई थी कि अंकित सोनोग्राफी सेंटर में सोनोग्राफी करते समय विभिन्न लापरवाही व रिकॉर्ड को मेंटेन नहीं किया जा रहा है और गलत तरीके से काम किया जा रहा है. इस शिकायत पर तत्कालीन सीएमएचओ हेमराज व उनकी टीम ने कार्रवाई की और रिकॉर्ड आंकड़ों के अनुसार गलत पाया गया. वहीं, गलत तरीके से सोनोग्राफी सेंटर चलाना पाया गया.

इस कार्रवाई में पीसीपीएनडीटी ने उक्त मामले को कोटा पीसीपीएनडीटी कोर्ट में पेश किया. जहां दोनों पर आरोप सिद्ध हुए. इस पर पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने वर्ष 2016 में एसीजेएम कोर्ट को यह पूरा मामला सौंप दिया और दोनों के मामले लंबीत चले. ऐसे में बुधवार को अंडरट्रायल पूरा हो गया और दोनों आरोपी कोर्ट में पेश हुए. जहां कोर्ट ने संचालिका माया गुप्ता व चिकित्सक राजीव गुप्ता को 3 साल की सजा सुनाई है और 10 हजार का आर्थिक दंड लगाया. इस दौरान आरोपी मीडिया को देखकर छुपते हुए नजर आए और अपने आरोपों को झूठा बताया.

Intro:बूंदी के छात्रपुरा इलाके में वर्ष 2010-11 में संचालित हो रहे अंकित सोनोग्राफी सेंटर में सोनोग्राफी का रिकॉर्ड मेंटेन नहीं किया जा रहा था इस पर बूंदी पीसीपीएनडीटी द्वारा कार्रवाई की गई थी। जहां पर कार्रवाई में मामला सही पाया गया इस पर संचालक माया गुप्ता व डॉ राजीव गुप्ता को पीसीपीएनडीटी विभाग ने आरोपी बनाया और मामले की जांच शुरू की जहां पर पीसीपीएनडीटी कोर्ट में दोनों आरोपियों को पेश किया गया उक्त मामले को वर्ष 2016 में बूंदी ऐसीजेएम लाया गया जहां आज कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाई है ।


Body:बूंदी शहर के छात्र पूरा रोड पर स्थित माया अस्पताल में अंकित सोनोग्राफी सेंटर वर्ष 2010-11 में चला करता था यहां एक मरीज द्वारा यह शिकायत की गई थी कि अंकित सोनोग्राफी सेंटर में सोनोग्राफी करते समय विभिन्न लापरवाही व रिकॉर्ड को मेंटेन नहीं किया जा रहा है और गलत तरीके से काम किया जा रहा है इस शिकायत पर तत्कालीन सीएमएचओ हेमराज व उनकी टीम ने कार्रवाई की जहां पर कार्रवाई करते हुए रिकॉर्ड देखा गया तो रिकॉर्ड आंकड़ों के अनुसार गलत पाया गया और गलत तरीके से सोनोग्राफी सेंटर चलाना पाया गया।

इस कार्रवाई में पीसीपीएनडीटी ने उक्त मामले को कोटा पीसीपीएनडीटी कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों पर आरोप सिद्ध हुए इस पर पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने वर्ष 2016 में एसीजेएम कोर्ट को यह पूरा मामला सौप दिया जहां पर दोनों के मामले लंबीत चले ऐसे में आज अंडरट्रायल पूरा हो गया और दोनों आरोपी कोर्ट में पेश हुए जहां कोर्ट ने संचालिका माया गुप्ता व चिकित्सक राजीव गुप्ता को सजा सुनाते हुए 3 साल की सजा सुनाई है ओर 10000 का आर्थिक दंड लगाया है ।


Conclusion:इस दौरान आरोपी मीडिया को देखकर छुपते हुए नजर आए और अपने आरोपों को झूठा बताते हुए नजर आए । वहीं इस मामले में 5 साल से अधिक सजा नहीं होने के चलते कोर्ट में आरोपी के वकील द्वारा सजा को स्थगन करवा लिया गया और मुचलके के साथ जमानत कोर्ट ने ले ली ।

बाईट - राजीव लोचन , पूर्व पीसीपीएनडीटी सेल , अधिकारी, बूंदी
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