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ब्यावर रिश्वत मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा, अब ACB करेगी पूछताछ

अजमेर के ब्यावर में रिश्वत मामले में एसीबी के हत्थे चढ़े (Arrested In Bribery Case) दोनों आरोपियों को न्यायालय (Court) में पेश किया गया. जहां न्यायालय ने दोनों को न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया है. जिसके बाद अब ACB पूछताछ करेगी.

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ब्यावर रिश्वत मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में भेजा गया
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Published : Jun 12, 2021, 3:51 PM IST

अजमेर. ब्यावर शहर में एसीबी जोधपुर ग्रामीण (ACB Johdpur Rural) की टीम ने गुरुवार को रिश्वत (Bribery) के काले खेल का पर्दाफाश करते हुए वार्ड पार्षद कुलदीप बोहरा के दो दलालों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी. इसी कड़ी में एसीबी की टीम ने दोनों आरोपी को न्यायालय (Court) में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया है.

यह है पूरा मामला...

एसीबी जोधपुर ग्रामीण को ब्यावर निवासी परिवादी सीताराम साहू से शिकायत मिली थी कि वार्ड पार्षद कुलदीप बोहरा और सुरेंद्र सोनी की ओर से उनकी मिठाई की दुकान को अवैध अतिक्रमण बता कर ब्यावर नगर परिषद में शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिसकी वजह से ब्यावर नगर परिषद ने उन्हें अवैध अतिक्रमण हटाने के संबंध में नोटिस जारी कर दिया था. नगर परिषद की ओर से जारी किए गए इस नोटिस के निस्तारण के लिए पार्षद कुलदीप बोहरा ने दलाल भरत मंगल के माध्यम से उनसे 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. इस संबंध में परिवादी ने इसकी शिकायत एसीबी जोधपुर ग्रामीण टीम को दर्ज करवाई.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में 10 RAS अफसरों का तबादला, पांच को APO किया गया

एसीबी की टीम की ओर से परिवादी की शिकायत का वेरिफिकेशन कर उसे सच पाया गया. इस पर एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ अपना जाल बिछाते हुए रंग लगे नोट परिवादी को सौंप दिए. परिवादी ने आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा और दलाल भरत मंगल को दुकान पर आकर पैसे ले जाने के लिए बुलाया. इस पर दोनों आरोपी नियत समय पर दुकान पर पहुंच गए, लेकिन उन्होंने शातिराना तरीके से खुद रिश्वत की राशि नहीं ली.

उन्होंने रिश्वत की राशि वसूल करने के लिए एक अन्य दलाल सुनील लखारा को परिवादी की दुकान पर भेज दिया और खुद उसका इंतजार जय मंदिर पर करने लगे. इस दौरान एसीबी की टीम ने रिश्वत की रकम के साथ दलाल सुनील लखारा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान सुनील लखारा की ओर से बताई गई लोकेशन पर एसीबी की टीम ने दबिश दी. एसीबी को देखकर आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा और दलाल भरत मंगल वहां से भागने लगे. एसीबी की टीम दलाल भरत मंगल को पकड़ने में कामयाब रही. वहीं, आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा वहां से भागने में कामयाब हो गया.

पार्षदों की संदिग्ध भूमिका भी आई सामने...

परिवादी की ओर से दी गई शिकायत में आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा के साथ दो अन्य पार्षदों अनिल चौधरी और सुरेंद्र सोनी को भी नामजद किया गया है. दलाल भरत मंगल ने इन तीनों पार्षदों को देने के लिए 3 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी. हालांकि, मामले में सबसे ज्यादा भूमिका आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा की सामने आई है, लेकिन फिर भी एसीबी की ओर से अन्य दोनों पार्षदों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में...

मामले में कार्रवाई करने वाली एसीबी की टीम में निरीक्षक अमराराम विश्नोई ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी दलालों भरत मंगल और सुनील लखारा को एसीबी ने न्यायालय में पेश किया था, जहां से दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

अजमेर. ब्यावर शहर में एसीबी जोधपुर ग्रामीण (ACB Johdpur Rural) की टीम ने गुरुवार को रिश्वत (Bribery) के काले खेल का पर्दाफाश करते हुए वार्ड पार्षद कुलदीप बोहरा के दो दलालों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी. इसी कड़ी में एसीबी की टीम ने दोनों आरोपी को न्यायालय (Court) में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया है.

यह है पूरा मामला...

एसीबी जोधपुर ग्रामीण को ब्यावर निवासी परिवादी सीताराम साहू से शिकायत मिली थी कि वार्ड पार्षद कुलदीप बोहरा और सुरेंद्र सोनी की ओर से उनकी मिठाई की दुकान को अवैध अतिक्रमण बता कर ब्यावर नगर परिषद में शिकायत दर्ज करवाई गई थी, जिसकी वजह से ब्यावर नगर परिषद ने उन्हें अवैध अतिक्रमण हटाने के संबंध में नोटिस जारी कर दिया था. नगर परिषद की ओर से जारी किए गए इस नोटिस के निस्तारण के लिए पार्षद कुलदीप बोहरा ने दलाल भरत मंगल के माध्यम से उनसे 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. इस संबंध में परिवादी ने इसकी शिकायत एसीबी जोधपुर ग्रामीण टीम को दर्ज करवाई.

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एसीबी की टीम की ओर से परिवादी की शिकायत का वेरिफिकेशन कर उसे सच पाया गया. इस पर एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ अपना जाल बिछाते हुए रंग लगे नोट परिवादी को सौंप दिए. परिवादी ने आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा और दलाल भरत मंगल को दुकान पर आकर पैसे ले जाने के लिए बुलाया. इस पर दोनों आरोपी नियत समय पर दुकान पर पहुंच गए, लेकिन उन्होंने शातिराना तरीके से खुद रिश्वत की राशि नहीं ली.

उन्होंने रिश्वत की राशि वसूल करने के लिए एक अन्य दलाल सुनील लखारा को परिवादी की दुकान पर भेज दिया और खुद उसका इंतजार जय मंदिर पर करने लगे. इस दौरान एसीबी की टीम ने रिश्वत की रकम के साथ दलाल सुनील लखारा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान सुनील लखारा की ओर से बताई गई लोकेशन पर एसीबी की टीम ने दबिश दी. एसीबी को देखकर आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा और दलाल भरत मंगल वहां से भागने लगे. एसीबी की टीम दलाल भरत मंगल को पकड़ने में कामयाब रही. वहीं, आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा वहां से भागने में कामयाब हो गया.

पार्षदों की संदिग्ध भूमिका भी आई सामने...

परिवादी की ओर से दी गई शिकायत में आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा के साथ दो अन्य पार्षदों अनिल चौधरी और सुरेंद्र सोनी को भी नामजद किया गया है. दलाल भरत मंगल ने इन तीनों पार्षदों को देने के लिए 3 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी. हालांकि, मामले में सबसे ज्यादा भूमिका आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा की सामने आई है, लेकिन फिर भी एसीबी की ओर से अन्य दोनों पार्षदों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में...

मामले में कार्रवाई करने वाली एसीबी की टीम में निरीक्षक अमराराम विश्नोई ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी दलालों भरत मंगल और सुनील लखारा को एसीबी ने न्यायालय में पेश किया था, जहां से दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

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