भीलवाड़ा. जिले के जहाजपुर से भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा सोमवार रात को शक्करगढ़ पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठ गए. विधायक युवती के दुष्कर्म के मामले पर पुलिस में छेड़छाड़ का केस दर्ज करने और तीन दिन तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं होने के कारण धरने पर बैठे. जिसके बाद विधायक धरने पर बैठकर पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं.
इन सब के बीच विधायक ये सब भूल गए कि किसी दुष्कर्म पीड़िता का नाम उजागर नहीं कर सकते, लेकिन गोपीचंद मीणा का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिसमें वो पीड़िता और उसके परिवार की पहचान के साथ ही उसके गांव तक का नाम बताते हुए उजागर करते हुए दिख रहे हैं.
तीन दिन पहले हुआ युवती से दुष्कर्म
दरअसल, भीलवाड़ा जिले के शक्करगढ़ थाना क्षेत्र में तीन दिन पहले युवती से दुष्कर्म के मामले को थाना पुलिस ने छेड़छाड़ की धाराओं में दर्ज कर लिया. जिसके विरोध में भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा शक्करगढ़ थाना के बाहर सोमवार मध्यरात्रि से धरने पर बैठ गए. जहां विधायक गोपीचंद मीणा ने दुष्कर्म पीड़िता को न्याय मिले, संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए, आरोपित को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, साथ ही राज्य सरकार द्वारा दुष्कर्म पीड़िता को आर्थिक सहायता दिलवाने की मांग की.
पुलिस पर दबाव बनाकर छेड़छाड़ में मामला दर्ज कराने का आरोप
विधायक ने आरोप लगाया कि क्षेत्र की एक युवती के साथ इलियास नाम के युवक ने दुष्कर्म किया. पीड़िता ने आपबीती परिवार को बताई तो पीड़िता और परिवार वाले शक्करगढ़ थाने पहुंचे और आरोपित के खिलाफ थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दी. जहां पुलिस ने परिजनों को बाहर बैठा दिया और पीड़िता पर दबाव बनाकर छेड़छाड़ में मामला दर्ज कराने का भी पुलिस पर आरोप लगाया है. इसी बात को लेकर विधायक धरने पर बैठ गए.
विधायक ने की पीड़िता की पहचना उजागर
जहां दुष्कर्म पीड़िता का नाम और गांव की पहचान किसी भी सूरत में उजागर नहीं की जाती है. वहीं भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा को कानून की जानकारी नहीं होने के कारण सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें विधायक गोपीचंद मीणा दुष्कर्म पीड़िता की पहचान नाम और उनके पिता परिवार का नाम उजागर करते दिख रहे हैं.
ऐसा करना सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना
उधर, भीलवाड़ा जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिसोदिया ने कहा कि बिना दुष्कर्म पीड़िता के माता-पिता व उनकी सहमति के बिना नाम उजागर नहीं कर सकता है. अगर ऐसा कृत्य करता है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना है. जिससे उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 228 के तहत दंड का प्रावधान है. जिसमें 2 वर्ष की सजा का प्रावधान है.
विधायक टोंक में भी दे चुके हैं चंद दिनों पहले धरना
जहाजपुर से भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा चंद दिनों पहले टोंक जिले से कांग्रेस विधायक और पूर्व राजस्थान के पुलिस महानिदेशक हरीशचंद्र मीणा के साथ भी धरने में शामिल हो चुके थे. इस बार गोपीचंद मीणा के खुद ही के विधानसभा क्षेत्र में दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए शक्करगढ़ थाने के बाहर धरना दे रहे हैं.