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प्री प्राइमरी कक्षाओं को RTE के दायरे से बाहर करने पर मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं को आरटीई के दायरे से बाहर करने को लेकर और इसके प्रावधानों को पहली कक्षा से लागू करने पर राज्य सरकार और प्रारंभिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया.

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प्री-प्राइमरी कक्षाओं को आरटीई के दायरे से बाहर करने पर मांगा जवाब- हाईकोर्ट
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Published : Jul 25, 2020, 7:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं को आरटीई के दायरे से बाहर करने और इसके प्रावधानों को पहली कक्षा से लागू करने पर राज्य सरकार और प्रारंभिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश दी पैलेस स्कूल सहित अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए.

याचिका में कहा गया है कि आरटीई कानून के तहत दुर्बल वर्ग के बच्चों के लिए निजी स्कूलों की कक्षाओं में 25 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. इसके चलते पिछले साल तक प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश दिया जाता था.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना के साथ डेंगू का खतरा भी बढ़ा, न फॉगिंग और न एंटी लार्वा का कराया छिड़काव, कब तक सोता रहेगा प्रशासन?

वहीं सत्र 2020- 21 के लिए राज्य सरकार ने प्रावधान कर आरटीई के तहत निजी स्कूलों को पहली कक्षा से प्रवेश देने का प्रावधान किया. जिसके चलते प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं दिया जा सकता.

यह भी पढ़ें: जोधपुर में बिना अनुमति के कांग्रेस ने दिया धरना, चालान काटने के बाद पुलिस ने कही कार्रवाई की बात

याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का यह प्रावधान आरटीआई कानून के विरुद्ध है. अधिनियम के तहत जिन स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं हैं, उन स्कूलों को आरटीई का लाभ प्री-प्राइमरी कक्षाओं से ही देना होगा. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं को आरटीई के दायरे से बाहर करने और इसके प्रावधानों को पहली कक्षा से लागू करने पर राज्य सरकार और प्रारंभिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश दी पैलेस स्कूल सहित अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए.

याचिका में कहा गया है कि आरटीई कानून के तहत दुर्बल वर्ग के बच्चों के लिए निजी स्कूलों की कक्षाओं में 25 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. इसके चलते पिछले साल तक प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश दिया जाता था.

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वहीं सत्र 2020- 21 के लिए राज्य सरकार ने प्रावधान कर आरटीई के तहत निजी स्कूलों को पहली कक्षा से प्रवेश देने का प्रावधान किया. जिसके चलते प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत प्रवेश नहीं दिया जा सकता.

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याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का यह प्रावधान आरटीआई कानून के विरुद्ध है. अधिनियम के तहत जिन स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं हैं, उन स्कूलों को आरटीई का लाभ प्री-प्राइमरी कक्षाओं से ही देना होगा. जिस पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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