जयपुर. भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को अपनी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ के साथ राजस्थान की राजधानी जयपुर के एमएनआईटी (MNIT) पहुंचे. यहां धनखड़ ने नाम लिए बिना कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि जिस देश में ग्रामीण स्तर तक लोकतंत्र है, वहां के बारे में कुछ लोग बाहर जाकर बेतुकी बाते कर रहे हैं.
भारत देश के साथ बदसलूकी : उन्होंने कहा कि बदलते हुए भारत में बहुत सी चुनौतियां आ गई हैं. कुछ लोग देश और देश के बाहर कहते हैं कि भारत जीवंत लोकतंत्र नहीं है, इससे पीड़ा होती है. भारत ऐसा देश है, जहां ग्रामीण स्तर तक डेमोक्रेसी है. फिर भी ऐसा कहना देश के भविष्य के साथ बदसलूकी है. ये बदसलूकी देश की ग्रोथ पर अंकुश लगाने का कुप्रयास है.
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भारत की तरक्की डाइजेस्ट नहीं हो रही : इस दौरान उन्होंने यूजी, पीजी और पीएचडी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि वो खुद अच्छे एजुकेशन के प्रोडक्ट हैं. अगर उन्हें स्कॉलरशिप नहीं मिलती तो वो यहां नहीं होते. उन्होंने छात्रों से कहा कि वो सभी सौभाग्यशाली हैं कि आज भारत उतना राइज हुआ है, जितना पहले कभी नहीं हुआ. आज भारत में चार बड़े देशों के 4 गुना डिजिटल ट्रांसफर हो रहा है. पहले भारत वर्ल्ड इकॉनोमी में 10वें नंबर पर था, लेकिन अब 5वें पायदान पर है. इसके बावजूद कुछ लोगों को आज भी भारत की तरक्की डाइजेस्ट नहीं होती है. उन्होंने दावा किया कि भारत जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी होगा. जब भारत आजादी के 100 साल में कदम रखेगा यानी 2047 में, भारत दुनिया में नंबर वन इकॉनोमी होगा.
फेलियर से कभी डरना नहीं : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज भारत में मानवीय संसाधन और ज्ञान को लेकर काम किया जा रहा है. भारतीयों का डीएनए बहुत मजबूत होता है. यहां के लोगों में दिमाग की कैपेसिटी 24*7 काम करने वाली होती है, जबकि बाहर ऐसा वर्क कल्चर नहीं मिलेगा. उन्होंने बताया कि लंदन में एक बार उनका चार्ल्स थर्ड के साथ इंटरेक्शन था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो भारत के टैलेंट को हरा नहीं सकते. उन्होंने छात्रों को नसीहत देते हुए कहा कि देश की सेवा करने में चेहरे पर जो चमक आती है वो कहीं नहीं आ सकती. फेलियर से कभी डरना नहीं चाहिए. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स का एमएनआईटी के साथ एमओयू करने की घोषणा की, साथ ही एमएनआईटी के डेलिगेशन को नए संसद भवन में मिलने के लिए भी बुलाया.
फ्लैगशिप कार्यक्रमों की तस्वीरों की प्रदर्शनी : इस दौरान धनकड़ का सीधा संवाद छात्रों के साथ होना था, जो समय की कमी बताते हुए हो नहीं सका. इस पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने छात्रों के प्रश्नों को लिखकर आमंत्रित किया और उनका जवाब दिए जाने की बात कही. बाद में उन्होंने जयपुर आसपास के शैक्षणिक संस्थानों के कुलपतियों, डायरेक्टर, प्रिंसिपल, एमएनआईटी के डीन और विभागों के प्रमुखों के साथ नई एजुकेशन पॉलिसी के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा भी की. इससे पहले धनखड़ ने एमएनआईटी की ओर से आयोजित साल भर चलने वाले शिक्षा मंत्रालय के फ्लैगशिप कार्यक्रमों की तस्वीरों की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करते हुए उनका अवलोकन किया.