टोंक. राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियां अभी से ही चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं. साथ ही दलगत नेताओं के जिलेवार दौरों का सिलसिला भी तेज हो गया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत टोंक पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ईआरसीपी परियोजना को लेकर राज्य की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. इस बीच वो एक पत्रकार के बार-बार सवाल पूछने से नाराज हो गए और उसे वहां से बाहर जाने तक की बात कह दी. इस दौरान उन्होंने सचिन पायलट से लेकर राज्य की कानून व्यवस्था और राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी को लेकर मौजूदा सरकार को आड़े हाथ लिया.
दरअसल, केंद्रीय मंत्री भाजपा के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शुक्रवार को टोंक पहुंचे थे. जहां सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देने के क्रम में उन्होंने राज्य की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. शेखावत ने कहा कि साल 2018 में झूठे वादे और आश्वासन के बल पर कांग्रेस सत्ता में आई थी, लेकिन पिछले साढ़े चार साल से सरकार के मुखिया केवल कुर्सी बचाने में व्यस्त रहे, क्योंकि इन्हें जनता से अधिक कुर्सी की फिक्र है. उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज माफी की बात करने वाली गहलोत सरकार ने न तो किसानों का कर्ज माफ किया और न ही उनका बाजरा ही खरीदा. जिसका खामियाजा राज्य के लाखों किसानों को भुगतना पड़ा. युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बजाए उनके भविष्य के साथ खेला गया. राजस्थान में 16 बार पेपर लीक के मामले सामने आए. उक्त मामले में आरपीएससी का सदस्य गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि वो राजस्थान जिसकी पहचान पन्नाधाय और मीरा बाई से है, वहां आज बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. राज्य में भीलवाड़ा जैसे कांड हो रहे हैं.
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बिना नाम लिए पायलट पर कसा तंज - टोंक विधायक सचिन पायलट की ओर से पिछले दिनों भाजपा नेताओं पर उठाए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को बीमारी हो जाती है. ऐसे में उन्हें उनका संकल्प पत्र पढ़ने की जरूरत है. आगे कानून व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा में बच्ची के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ और फिर उसे जलाकर मार दिया, लेकिन सरकार थानेदार को हटा कर वापस कुर्सी पर बैठाती है. वहीं, उन्होंने टोंक में पंचायत समिति और नगर परिषद में व्याप्त भष्टाचार को लेकर भी सवाल दागे. शेखावत ने गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां सरकार कभी कांवड़ यात्रा रोकती तो कभी रावण दहन, लेकिन पीआईएफआई को संरक्षण देती है. उन्होंने इस दौरान राजस्थान में हुए दंगों की जांच में तुष्टीकरण, गिरफ्तारियों में तुष्टीकरण के अलावा चालान पेश करने में तुष्टीकरण तक के आरोप लगाए. साथ ही कहा कि यही कारण है कि उदयपुर के कन्हैया लाल टेलर की हत्या हुई.
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अगर लाइव प्रसारण न होता तो मांगने लगते प्रमाण - विपक्षियों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जब चंद्रयान 3 की लैंडिंग हो रही थी तो अच्छा हुआ चन्द्रयान 3 की लैंडिंग का लाइव प्रसारण हो रहा था, वरना तो ये विपक्षी सर्जिकल स्ट्राइक की तरह ही इसके भी प्रमाण मांगने लगते. वहीं, ईआरसीपी पर उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री कभी भी ईआरसीपी की बैठक में शामिल नहीं हुए. यहां तक कि जयपुर में बैठक की तारीख तय भी हुई तो राज्य सरकार ने एक दिन पहले बैठक में आने से मना कर दिया.
गंगापुर में हुए विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि आज राजस्थान का आम नागरिक और व्यापारी सहमा हुआ है. वहीं, भाजपा के चार परिवर्तन यात्राओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता मौजूदा गहलोत सरकार को उखाड़कर फेंकने के लिए तैयार है. इस बीच राजेन्द्र गुढ़ा की लाल डायरी पर शेखावत ने कहा कि एक पन्ने के खुलने पर सरकार 3 दिन तक हिल गई थी, लेकिन लगता है कोई सेटलमेंट चल रहा होगा.