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शोपियां सड़क दुर्घटना में राजस्थान का लाल शहीद, परिजन कर रहे थे घर लौटने का इंतजार

कश्मीर के शोपियां जिले में सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले जवानों में राजस्थान के अलवर का जवान (Kashmir Alwar soldier martyred) भी शामिल है. अलवर का रामअवतार काफी दिनों बाद छुट्टी पर घर आने वाला था. परिजन उसके घर आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उसके शहीद होने की खबर घर पहुंची. शनिवार को शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा.

शोपियां सड़क दुर्घटना
शोपियां सड़क दुर्घटना
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Published : Apr 15, 2022, 6:12 PM IST

अलवर : जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी. वहीं, मुठभेड़ स्थल पर जाने के दौरान सैन्य वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से राजस्थान के अलवर और दौसा के तीन जवान शहीद (Kashmir Alwar soldier martyred) हो गए. शहीद हुए अलवर के जवान रामअवतार का पार्थिव शरीर शनिवार को उसके पैतृक गांव पहुंचेगा. वहीं, रामअवतार के परिवार के लोगों ने हालात को देखते हुए अब तक इस बारे में घर की महिलाओं को नहीं बताया है.

जानकारी के मुताबिक, अलवर के कोटकासिम लालपुर गांव के रहने वाले राम अवतार सेना में हवलदार हैं. वह अपने साथियों के साथ कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात थे. गुरुवार को शोपियां में मुठभेड़ स्थल पर जाते वक्त सेना की एक गाड़ी पलट गई थी. हादसे में रामअवतार और दौसा के पवन सिंह गुर्जर समेत तीन जवानों की मौत हो गई. जबकि अन्य पांच जवान घायल हो गए. अधिकारियों ने शहीद जवानों के परिजनों को इसकी खबर दे दी. लेकिन रामअवतार के परिजनों ने अब तक इस बात को घर की महिलाओं से छुपाए रखा है.

घर की महिलाओं को नहीं दी शहादत की खबर : गुरुवार को जवान के शहीद होने की खबर जब आर्मी हेडक्वार्टर से परिजनों को दी गई तो उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. घर के पुरुषों ने किसी तरह अपने आप को संभाला, लेकिन स्थिति को देखते हुए महिलाओं को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. घर में सभी सामान्य रूप से कामकाज कर रहे हैं. वहीं, रामअवतार की शहादत की खबर के बारे में सुनकर उनसे मिलने आने वालों को भी घर से दूर गांव में ही दूसरी जगह ठहरा रहे हैं, ताकि घर की महिलाओं को कुछ पता न चल सके, अन्यथा उन्हें संभालना मुश्किल होगा.

रामअवतार के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को वह छुट्टी पर घर आने वाला था. परिवार के सभी लोग उसका इंतजार कर रहे थे. लंबे समय बाद उसे छुट्टी मिली थी. रामअवतार के दो बच्चे हैं. एक की उम्र करीब 12 साल है तो दूसरे की नौ साल है. लोग बताते हैं कि रामअवतार व्यवहार कुशल था. वह जब भी छुट्टी पर गांव आता था, तो सभी के घर जाकर मिलता था. राम अवतार छह भाई हैं. रामअवतार सबसे छोटा था. उसके दो भाई खेती करते हैं, जबकि एक सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुका है. एक और भाई अभी सरकारी नौकरी में है.

पढ़ें : शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, चार आतंकी ढेर

मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर तीनों सैनिकों की शहादत को नमन किया. साथ ही इस परेशानी की घड़ी में परिजनों को ढांढस बताया है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर घायल जवानों के भी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की बात कही है. शहीद का शव शविवार को उसके पैतृक गांव में पहुंचेगा.

अलवर : जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी. वहीं, मुठभेड़ स्थल पर जाने के दौरान सैन्य वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से राजस्थान के अलवर और दौसा के तीन जवान शहीद (Kashmir Alwar soldier martyred) हो गए. शहीद हुए अलवर के जवान रामअवतार का पार्थिव शरीर शनिवार को उसके पैतृक गांव पहुंचेगा. वहीं, रामअवतार के परिवार के लोगों ने हालात को देखते हुए अब तक इस बारे में घर की महिलाओं को नहीं बताया है.

जानकारी के मुताबिक, अलवर के कोटकासिम लालपुर गांव के रहने वाले राम अवतार सेना में हवलदार हैं. वह अपने साथियों के साथ कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात थे. गुरुवार को शोपियां में मुठभेड़ स्थल पर जाते वक्त सेना की एक गाड़ी पलट गई थी. हादसे में रामअवतार और दौसा के पवन सिंह गुर्जर समेत तीन जवानों की मौत हो गई. जबकि अन्य पांच जवान घायल हो गए. अधिकारियों ने शहीद जवानों के परिजनों को इसकी खबर दे दी. लेकिन रामअवतार के परिजनों ने अब तक इस बात को घर की महिलाओं से छुपाए रखा है.

घर की महिलाओं को नहीं दी शहादत की खबर : गुरुवार को जवान के शहीद होने की खबर जब आर्मी हेडक्वार्टर से परिजनों को दी गई तो उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. घर के पुरुषों ने किसी तरह अपने आप को संभाला, लेकिन स्थिति को देखते हुए महिलाओं को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. घर में सभी सामान्य रूप से कामकाज कर रहे हैं. वहीं, रामअवतार की शहादत की खबर के बारे में सुनकर उनसे मिलने आने वालों को भी घर से दूर गांव में ही दूसरी जगह ठहरा रहे हैं, ताकि घर की महिलाओं को कुछ पता न चल सके, अन्यथा उन्हें संभालना मुश्किल होगा.

रामअवतार के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को वह छुट्टी पर घर आने वाला था. परिवार के सभी लोग उसका इंतजार कर रहे थे. लंबे समय बाद उसे छुट्टी मिली थी. रामअवतार के दो बच्चे हैं. एक की उम्र करीब 12 साल है तो दूसरे की नौ साल है. लोग बताते हैं कि रामअवतार व्यवहार कुशल था. वह जब भी छुट्टी पर गांव आता था, तो सभी के घर जाकर मिलता था. राम अवतार छह भाई हैं. रामअवतार सबसे छोटा था. उसके दो भाई खेती करते हैं, जबकि एक सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुका है. एक और भाई अभी सरकारी नौकरी में है.

पढ़ें : शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, चार आतंकी ढेर

मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर तीनों सैनिकों की शहादत को नमन किया. साथ ही इस परेशानी की घड़ी में परिजनों को ढांढस बताया है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर घायल जवानों के भी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की बात कही है. शहीद का शव शविवार को उसके पैतृक गांव में पहुंचेगा.

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