नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी का किसान मोर्चा (BJP Kisan Morcha) लगातार किसानों से बातचीत करने की कोशिश कर रहा है. इस संबंध में पार्टी के किसान मोर्चा अध्यक्ष राजकुमार चाहर (Rajkumar Chahar) ने दावा किया है कि किसान बिल किसानों के हित में है. यह पूरे देश के किसान समझ भी रहे हैं लेकिन मुट्ठी भर किसानों को राजनीतिक पार्टियां बरगला रही हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि आप ड्राफ्ट तैयार करें और जिन बातों पर आपत्ति है उसे लेकर सरकार के पास आएं, लेकिन अभी तक ऐसा कोई भी ड्राफ्ट नहीं लाया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान बिल में कोई खामी नहीं हैं इसलिए किसान बिल वापस लिए जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.
पिछले दिनों किसानों की ओर से मीडिया वालों के साथ बदसलूकी किए जाने को लेकर चाहर ने कहा, पहले भी किसानों ने 26 जनवरी को जिस तरह से लाल किले पर हिंसा की, झंडे फहराए और जिस तरह से उत्पात मचाया यह सही नहीं है. मीडिया के चौथा स्तंभ होने के नाते, उनके साथ बदसलूकी को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
जब उनसे पूछा गया कि क्या 2022 में कुछ राज्यों में चुनाव तक किसान आंदोलन के मुद्दे को जीवित रखा जाएंगा? किसान मोर्चा अध्यक्ष का कहना है कि बीजेपी अपने कार्यों और नीतियों के अनुसार ही चुनाव लड़ती है. लेकिन कांग्रेस, अकाली दल और समाजवादी पार्टी, सभी किसानों को लेकर राजनीति कर रही हैं और किसान नेता उनकी राजनीति में फंसकर गुमराह हो रहे हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार 11 बार किसानों से बातचीत कर चुकी है और अब यदि किसान तैयार होते हैं तो इससे आगे भी बात करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बार-बार किसानों से अपील की है कि उनकी नीयत किसानों का हित है और वह चाहते हैं कि इस बिल का किसान फायदा उठाएं.
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उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान भी केंद्र सरकार ने किसान को किसान कार्ड, जनधन के तहत पैसे, मुफ्त राशन तमाम चीजों की व्यवस्था थी ताकि अन्नदाता भूखा ना सोए. यही नहीं एमएसपी (MSP) को लेकर कुछ पार्टियों ने भ्रम फैलाया और किसानों को भड़काया कि सरकार एमएसपी में बदलाव चाहती है. जबकि एमएसपी का पैसा भी किसानों के खाते में पूरे कोरोना काल के दौरान भी डाला गया है.