जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में पेपर आउट का मामला सामने आया है. विश्वविद्यालय में शनिवार को हो रहे भूगोल विषय के पेपर लीक होने की सूचना आई है. बताया जा रहा है कि पेपर सुबह 11 बजे शुरू होना था, लेकिन इससे करीब 15 मिनट पहले ही सोशल मीडिया के ग्रुप्स पर पेपर वायरल हो गया. हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फिलहाल इस तरह की घटना से इनकार किया है.
राजस्थान यूनिवर्सिटी में बीएससी और बीए पार्ट -I के भूगोल के पेपर लीक मामले को लेकर विश्वविद्यालय के एग्जामिनेशन कंट्रोलर राकेश राव ने पेपर आउट नहीं होने का दावा किया है. उन्होंने तर्क दिया है कि परीक्षा 11:00 बजे शुरू हो चुकी थी. पेपर उसके बाद सोशल मीडिया पर आया है. ये थ्योरिटिकल प्रश्न पत्र था जो किसी असामाजिक तत्व की ओर से परीक्षा सेंटर से ही एग्जाम के दौरान वायरल किया गया है जिसकी जांच की जा रही है और एफआईआर भी कराई जाएगी.
एग्जाम कंट्रोलर राकेश राव ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन नियमानुसार गोपनीयता की श्रेणी के जो कानून बने हुए हैं उसके तहत ही एफआईआर दर्ज कराता है. यदि कोई गलती करता है तो उसके दोषी को सजा मिलती है. इसलिए विद्यार्थियों से कहना चाहूंगा कि असामाजिक तत्वों की ओर से जो वायरल सूचनाएं भेजी जाती हैं वह ऑथेंटिक नहीं होती हैं. उन पर ध्यान न देकर पढ़ाई पर फोकस करें और इमानदारी से प्रश्न पत्रों को हल करें.
पेपर 11:30 बजे सोशल मीडिया पर आया तो लीक कैसे- एग्जाम कंट्रोलर
उन्होंने कहा कि शनिवार को भूगोल का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर आने के बात सामने आई है. उसकी जांच कराई जा रही है. जांच के बाद ही वास्तविकता का पता चलेगा. उन्होंने कहा कि 11:00 बजे पेपर शुरू हुआ और उसके बाद 11:30 बजे यदि कोई पेपर सोशल मीडिया पर आ रहा है तो उसे पेपर आउट नहीं कहा जा सकता. ये असामाजिक तत्वों की कारगुजारी है। इसे लेकर कमेटी बैठा दी गई है. जांच होने के बाद जरूरत पड़ी तो एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.
सोशल मीडिया पर जो एग्जाम पेपर की तस्वीरें वायरल हो रही हैं उसके साथ अटेंडेंस शीट और पेन भी दिख रही है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि एग्जाम सेंटर के अंदर ही या तो किसी कर्मचारी या फिर एग्जाम के दौरान किसी छात्र की ओर से पेपर क्लिक कर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है.
इससे पूर्व राजस्थान यूनिवर्सिटी में शनिवार को हो रहे बीए, बीएससी प्रथम वर्ष का भूगोल का पेपर आउट होने की सूचना छात्रों के बीच चर्चा का विषय बना है. छात्रों का आरोप है कि पेपर शुरू होने का समय 11 बजे था लेकिन 10 बजकर 45 मिनट पर ही ये पेपर विश्वविद्यालय से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हो गया. इसे पेपर पर परीक्षा केंद्र का कोड भी अंकित है.
ज्योग्राफी-I के वायरल पेपर के 3 पेज सामने आए हैं. पेपर का फॉर्मेट यूनिवर्सिटी की ओर से निर्धारित फॉर्मेट के समान ही है. पेपर पर ऊपर ही 118801 पेपर कोड लिखा हुआ है. वायरल पेपर पर कला संकाय के लिए ये पेपर 75 नंबर का, जबकि विज्ञान संकाय के लिए यही पेपर 50 नंबर का दर्शाया गया है. पेपर में ए, बी और सी खंड के साथ-साथ मानचित्र के जरिए कुछ प्रश्नों को पूछा गया है.
इस घटना पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा- 'गहलोत जी ने ठाना है प्रदेश को पेपर लीक में नंबर वन बनाना है. पूनिया ने अपने ट्वीट में 'सच तो ये है' को टैग किया है.
अजमेर में डमी कैंडिडेट के खिलाफ केस दर्ज: उधर, अजमेर में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में आयोजित सैद्धांतिक परीक्षा में 8 अप्रैल को एनाटॉमी पेपर द्वितीय में एक मुन्ना भाई पकड़ा गया था. इस प्रकरण में 8 दिन बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने मुन्ना भाई के खिलाफ संबंधित कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. कोतवाली थाने के एएसआई शिव लाल ने बताया कि जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ वीबी सिंह ने थाने में रिपोर्ट दी है कि 6 अप्रैल से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की सैद्धांतिक परीक्षा का आयोजन किया जा रहा था. 8 अप्रैल को एनाटॉमी विषय के द्वितीय पेपर में परीक्षार्थी रविकांत मीणा की जगह कुलदीप नाम का व्यक्ति परीक्षा देते हुए पाया गया है. उन्होंने बताया कि मुकदमा कोतवाली थाने में दर्ज कर लिया गया है.