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एनपीएस अपनाने वाले गैर-सरकारी अंशधारकों की संख्या 30 लाख के पार हुई: पीएफआरडीए - अंशधारकों की संख्या 30 लाख के पार

पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा है कि एनपीएस के तहत कॉरपोरेट और खुदरा क्षेत्र के अंशधारकों की संख्या अब तक 30 लाख को पार कर गई है. उन्होंने कहा कि वहीं इन अंशधारकों का कोष एक लाख करोड़ रुपये के पास पहुंच गया है.

पीएफआरडीए
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Published : Aug 18, 2021, 8:22 AM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत कॉरपोरेट और खुदरा क्षेत्र के अंशधारकों की संख्या अब तक 30 लाख को पार कर गई है. इन अंशधारकों का कोष ऐतिहासिक एक लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है. पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

एनपीएस के अंशधारकों के आंकड़े में पांच श्रेणियां... केंद्र सरकार, राज्य सरकार, कॉरपोरेट, ऑल सिटिजन मॉडल और एनपीएस लाइट शामिल हैं. ऑल सिटिजन मॉडल से तात्पर्य खुदरा ग्राहकों से है.

पीएफआरडीए के चेयरमैन ने कहा कि सरकारी नौकरी करने वाले एनपीएस से इसलिए जुड़ रहे हैं, क्योंकि उनके लिए ऐसा करना जरूरी है. लेकिन खुदरा क्षेत्र के लोग अपनी इच्छा से इससे जुड़ रहे हैं. इस खंड में एनपीएस से जुड़ने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

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उन्होंने कहा, '14 अगस्त तक गैर-सरकारी क्षेत्र (कॉरपोरेट और ऑल सिटिजन मॉडल), हमने देखा कि कुल अंशधारकों की संख्या 30 लाख को पार कर गई. इसमें खुदरा निवेशक हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है.'

बंद्योपाध्याय ने वर्चुअल तरीके से संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि तीन साल पहले खुदरा और कॉरपोरेट क्षेत्र में हमारे अंशधारकों की संख्या 13 से 13.5 लाख (मार्च, 2018) थी.

उन्होंने कहा कि ऐसे में इन तीन साल में इन दो श्रेणियों में अंशधारकों की संख्या वास्तव में दोगुना से अधिक हो गई है. उन्होंने कहा कि खुदरा ग्राहक गंभीर निवेशक होते हैं. कॉरपोरेट और खुदरा खंड में कुल निवेश 97,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. ऐसे में यह जल्द एक लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक आंकड़े पर पहुंचने जा रहा है.

उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी क्षेत्र में 30 लाख अंशधारक एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इस क्षेत्र में नामांकन सरकारी क्षेत्र की तुलना में स्वैच्छिक है. एनपीएस के तहत 30 लाख स्वैच्छिक अंशधारकों का आंकड़ा 12 साल में हासिल हुआ है.

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कॉरपोरेट अंशधारकों की संख्या 14 अगस्त, 2021 तक 11.97 लाख थी. मार्च, 2018 तक यह 6.96 लाख थी. सर्वजन मॉडल के तहत अंशधारकों की संख्या इस दौरान बढ़कर 6.92 लाख से 18.06 लाख हो गई है.

साल-दर-साल आधार पर खुदरा मॉडल के तहत अंशधारकों की संख्या 15 अगस्त, 2020 के 13.39 लाख से 35 फीसदी बढ़ी है. खुदरा खंड में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) एक साल पहले के 15,928.71 करोड़ रुपये की तुलना में 61 फीसदी बढ़कर 25,639.16 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं. कॉरपोरेट क्षेत्र का एयूएम एक साल पहले की तुलना में 44 फीसदी बढ़कर 71,674.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

पीएफआरडीए के कुल अंशधारकों की संख्या बढ़कर 4.48 करोड़ हो गई है. प्रबंधन के तहत कुल एयूएम 6,37,089.79 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इनमें से 2.99 करोड़ अंशधारक अटल पेंशन योजना (APY) के तहत हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत कॉरपोरेट और खुदरा क्षेत्र के अंशधारकों की संख्या अब तक 30 लाख को पार कर गई है. इन अंशधारकों का कोष ऐतिहासिक एक लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है. पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

एनपीएस के अंशधारकों के आंकड़े में पांच श्रेणियां... केंद्र सरकार, राज्य सरकार, कॉरपोरेट, ऑल सिटिजन मॉडल और एनपीएस लाइट शामिल हैं. ऑल सिटिजन मॉडल से तात्पर्य खुदरा ग्राहकों से है.

पीएफआरडीए के चेयरमैन ने कहा कि सरकारी नौकरी करने वाले एनपीएस से इसलिए जुड़ रहे हैं, क्योंकि उनके लिए ऐसा करना जरूरी है. लेकिन खुदरा क्षेत्र के लोग अपनी इच्छा से इससे जुड़ रहे हैं. इस खंड में एनपीएस से जुड़ने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

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उन्होंने कहा, '14 अगस्त तक गैर-सरकारी क्षेत्र (कॉरपोरेट और ऑल सिटिजन मॉडल), हमने देखा कि कुल अंशधारकों की संख्या 30 लाख को पार कर गई. इसमें खुदरा निवेशक हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है.'

बंद्योपाध्याय ने वर्चुअल तरीके से संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि तीन साल पहले खुदरा और कॉरपोरेट क्षेत्र में हमारे अंशधारकों की संख्या 13 से 13.5 लाख (मार्च, 2018) थी.

उन्होंने कहा कि ऐसे में इन तीन साल में इन दो श्रेणियों में अंशधारकों की संख्या वास्तव में दोगुना से अधिक हो गई है. उन्होंने कहा कि खुदरा ग्राहक गंभीर निवेशक होते हैं. कॉरपोरेट और खुदरा खंड में कुल निवेश 97,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. ऐसे में यह जल्द एक लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक आंकड़े पर पहुंचने जा रहा है.

उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी क्षेत्र में 30 लाख अंशधारक एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इस क्षेत्र में नामांकन सरकारी क्षेत्र की तुलना में स्वैच्छिक है. एनपीएस के तहत 30 लाख स्वैच्छिक अंशधारकों का आंकड़ा 12 साल में हासिल हुआ है.

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कॉरपोरेट अंशधारकों की संख्या 14 अगस्त, 2021 तक 11.97 लाख थी. मार्च, 2018 तक यह 6.96 लाख थी. सर्वजन मॉडल के तहत अंशधारकों की संख्या इस दौरान बढ़कर 6.92 लाख से 18.06 लाख हो गई है.

साल-दर-साल आधार पर खुदरा मॉडल के तहत अंशधारकों की संख्या 15 अगस्त, 2020 के 13.39 लाख से 35 फीसदी बढ़ी है. खुदरा खंड में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) एक साल पहले के 15,928.71 करोड़ रुपये की तुलना में 61 फीसदी बढ़कर 25,639.16 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं. कॉरपोरेट क्षेत्र का एयूएम एक साल पहले की तुलना में 44 फीसदी बढ़कर 71,674.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

पीएफआरडीए के कुल अंशधारकों की संख्या बढ़कर 4.48 करोड़ हो गई है. प्रबंधन के तहत कुल एयूएम 6,37,089.79 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इनमें से 2.99 करोड़ अंशधारक अटल पेंशन योजना (APY) के तहत हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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