पुणे : भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Indian Army Chief General Manoj Mukund Naravane) ने बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (बीईजी) में स्वदेशी रूप से विकसित अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन (Armoured Engineer Reconnaissance Vehicles) और अन्य उपकरणों के पहले सेट को कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स (Corps of Engineers) में शामिल किया.
इस दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने कहा, इन स्वदेशी उपकरणों (एईआरवी) को शामिल करने से विशेष रूप से पश्चिमी मोर्चे पर संचालन को बढ़ावा मिलेगा और यह रक्षा उपकरणों के निर्माण में 'आत्मनिर्भर भारत' (AatmaNirbhar Bharat) की दिशा में एक छोटा कदम होगा.
उन्होंने कहा, AERV की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, विशेष रूप से हमारे बख्तरबंद फॉर्मेशन स्ट्राइक कोर के लिए, जो मुख्य रूप से पश्चिमी सीमा पर काम कर रहे हैं... यह प्लेटफॉर्म टोही की प्रक्रिया को गति देगा जो पहले मैन्युअल रूप से किया जाता था. इसका विकास डीआरडीओ और हमारे इंजीनियरों के साथ साझेदारी में किया गया है. यह उपयोगकर्ता और उद्योग के बीच सहयोग का एक बहुत अच्छा उदाहरण है. यह 'मेक इन इंडिया' समाधानों की ओर जाने का एक आदर्श उदाहरण है.
सेना के कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर एंटी पर्सनल और एंटी टैंक माइन्स की नई खेप सौंपी जाएगी. जिससे आतंकी घुसपैठ को रोकने और युद्ध के दौरान दुश्मनों के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी.
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वहीं, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा, बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन पूरी तरह से देश के भीतर डिजाइन और विकसित किए गए हैं. यह टैंक की गति से मेल खाते हैं और पश्चिमी मोर्चे पर मशीनीकृत संचालन करने में मदद करेंगे.