कोटा. कांग्रेस वर्किंग कमेटी के मेंबर और पूर्व सांसद रघुवीर मीणा रविवार को कोटा दौरे पर आए थे. जिले में उन्होंने राजस्थान स्टेट बॉडी बिल्डिंग संघ की तरफ से आयोजित डेजर्ट कप के लॉन्चिंग कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने यूपी में अतीक और अशरफ की हत्या के मामले पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी. उन्होंने अतीक और अशरफ की हत्या को डर का माहौल पैदा करने का तरीका बताया है. साथ ही कहा कि कानून को साइड में रख कर अगर कोई स्वयंभू फैसला करेगा तो यह लोकतंत्र में ठीक नहीं है.
इस दौरान राजस्थान बॉडी बिल्डिंग संघ के प्रेसिडेंट नवीन यादव और उपाध्यक्ष अशोक औदिच्य भी मौजूद थे. रघुवीर मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रायोजित तरीके या किसी भी तरह से कोई हत्या होती है तो यह निश्चित तौर पर व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाती है. देश में कानून बना हुआ है और लोकतंत्र के अनुसार ही कानून में सब कुछ चलता है. कानून के तहत किसी अपराधी को सजा मिले तो वह निश्चित तौर पर सजा पाने का हकदार है, लेकिन हम सीधे तौर पर कोई कार्रवाई कर देते हैं या उसकी जान ले लेते हैं जिसके कारण कई सारी इन्वेस्टिगेशन पेंडिंग रह जाती है. इसके साथ ही कई सारी जानकारियां भी अधूरी रह जाती है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ डर का माहौल पैदा करने का तरीका है.कानून का मान-सम्मान तो होना ही चाहिए. कानून से ऊपर उठकर कार्य करना ठीक नहीं है.
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रघुवीर मीणा की पायलट को सलाह, मर्यादा तय करें
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी प्रदेश में बुलडोजर चलाने के सवाल पर रघुवीर मीणा ने कहा कि कानून के तहत ही कोई भी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यदि कोई व्यक्ति अपनी ओर से कानून थोप दे तो वह ठीक नहीं है. पायलट के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राजनीति में हर व्यक्ति अपने अंदाज से सोचता है और फैसले करने की कोशिश करता है. लेकिन संगठन में काम करने वाले लोग कभी भी वहां की मर्यादा को दरकिनार न करें. ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे कि संगठन के छोटे कार्यकर्ता निरुत्साहित हों और उनमें हताशा हो. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति करने की कोशिश न करें. ऐसा उदाहरण नहीं बनना चाहिए. पायलट बड़े पद के नेता हैं तो उनको अपनी मर्यादा तय करनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी उसकी पालना करे, न कि उनको क्रिटिसाइज करे.
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