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प्रत्येक क्वारंटाइन कोच पर लगभग दो लाख रुपये खर्च कर रही रेलवे

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Published : Jun 26, 2020, 7:50 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 11:56 AM IST

भारतीय रेलवे ने कहा कि वह क्वारंटाइन कोच पर लगभग दो लाख रुपये खर्च कर रही है. इसमें क्वारंटाइन कोच के रखरखाव, रोगियों के लिये कपड़े और भोजन, कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण और अन्य आवश्यक वस्तुओं शामिल हैं. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

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क्वारंटाइन कोच

नई दिल्ली : रेलवे ने कहा कि वह प्रत्येक क्वारंटाइन कोच के रखरखाव, रोगियों के लिये कपड़े और भोजन, कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर दो लाख रुपये खर्च कर रही है.

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. यादव ने कहा कि क्वारंटाइन कोच में बदले गए 5,213 कोचों के लिए यह रेलवे का बजटीय अनुमान है. इसके लिए पहले ही केंद्रीय कोविड देखभाल कोष से पैसा मिल चुका है.

उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय को इस कोष से अब तक 620 करोड़ रुपये मिल चुके हैं.

यादव ने कहा कि अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से लोगों ने काम पर लौटना शुरू कर दिया है. प्रवासी कामगार वापस उन राज्यों को जा रहे हैं, जिन्हें उन्होंने कोरोना वायरस के चलते छोड़ा था.

उन्होंने कहा, 'हम विशेष ट्रेनों में यात्रियों की संख्या पर नजर रखे हुए हैं. जल्द ही हम राज्यों की मांग, यात्रियों की संख्या और कोविड हालात के हिसाब से और विशेष ट्रेनें चलाएंगे.'

यादव ने कहा, 'उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से बड़े शहरों की ओर जा रही ट्रेंनों में यात्रियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इससे आर्थिक हालात में सुधार का संकेत मिलता है.'

यह भी पढ़ें- सभी नियमित ट्रेन सेवाएं 12 अगस्त तक रद्द रहेंगी: रेलवे

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न हालात के मद्देनजर निकट भविष्य में सभी ट्रेनें चला पाना संभव नहीं लगता.

यादव ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत छह राज्यों में 160 परियोजनाओं की पहचान की गई है. इससे घर लौटे प्रवासी कामगारों के लिए नौ लाख दिन के कामकाज की व्यवस्था होगी.

नई दिल्ली : रेलवे ने कहा कि वह प्रत्येक क्वारंटाइन कोच के रखरखाव, रोगियों के लिये कपड़े और भोजन, कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपकरण और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर दो लाख रुपये खर्च कर रही है.

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. यादव ने कहा कि क्वारंटाइन कोच में बदले गए 5,213 कोचों के लिए यह रेलवे का बजटीय अनुमान है. इसके लिए पहले ही केंद्रीय कोविड देखभाल कोष से पैसा मिल चुका है.

उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय को इस कोष से अब तक 620 करोड़ रुपये मिल चुके हैं.

यादव ने कहा कि अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से लोगों ने काम पर लौटना शुरू कर दिया है. प्रवासी कामगार वापस उन राज्यों को जा रहे हैं, जिन्हें उन्होंने कोरोना वायरस के चलते छोड़ा था.

उन्होंने कहा, 'हम विशेष ट्रेनों में यात्रियों की संख्या पर नजर रखे हुए हैं. जल्द ही हम राज्यों की मांग, यात्रियों की संख्या और कोविड हालात के हिसाब से और विशेष ट्रेनें चलाएंगे.'

यादव ने कहा, 'उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से बड़े शहरों की ओर जा रही ट्रेंनों में यात्रियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इससे आर्थिक हालात में सुधार का संकेत मिलता है.'

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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न हालात के मद्देनजर निकट भविष्य में सभी ट्रेनें चला पाना संभव नहीं लगता.

यादव ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत छह राज्यों में 160 परियोजनाओं की पहचान की गई है. इससे घर लौटे प्रवासी कामगारों के लिए नौ लाख दिन के कामकाज की व्यवस्था होगी.

Last Updated : Jun 27, 2020, 11:56 AM IST
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