नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल आज लोकसभा में पेश होगा. सोमवार को यह बिल राज्यसभा से पास हो चुका है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बिल को लोकसभा में पेश कर रहे हैं. सोमवार को यह बिल राज्यसभा से पास हो चुका है.
केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. केंद्र के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर अब अलग केंद्र शासित राज्य बन गया है और लद्दाख भी अलग प्रदेश बन गया है.
सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पेश किया, जो एक लंबी बहस के बाद पारित हो गया.
आज इस बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा, जिसके बाद नए प्रस्ताव को लागू कर दिया जाएगा.
लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास अकेले दम पर बहुमत है, ऐसे में संसद के निचले सदन से इसे पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
बीजेपी ने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, जिसके लिए व्हिप भी जारी कर दिया गया है.
कांग्रेस ने मंगलवार के लिए अपने लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी किया.
दूसरी तरफ लोकसभा में मंगलवार को सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से संबंधित संकल्प और विधेयक लाए जाने के मद्देनजर कांग्रेस ने सदन के अपने सभी सदस्यों को व्हिप जारी कर उपस्थित रहने को कहा है.
लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक कोडाकुनिल सुरेश ने यह व्हिप जारी किया है.
गौरतलब है कि सरकार मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों को विभाजित करने से संबंधित संकल्प और विधेयक पेश करने जा रही है.
इससे पहले राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी.
पढ़ेंः अनुच्छेद 370 के बाद 371 पर बहस, पूर्वोत्तर के कई राज्यों को मिला है विशेष दर्जा
राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 125 मत और विपक्ष में 61 वोट पड़े थे.
बता दें कि राज्यसभा में कांग्रेस ने इसका विरोध किया था तो वहीं आप पार्टी और बसपा ने इसका समर्थन किया था.
लोकसभा से पास होते ही बदल जाएगा जम्मू-कश्मीर का स्वरुप
गौरतलब है कि लोकसभा से पास होते देश में कुल 9 केंद्रशासित प्रदेश हो जाएंगे. जम्मू-कश्मीर दो भागों में विभाजित हो जाएगा.
बिल पास होते ही देश में दो नए केंद्रशासित प्रदेश और हो जाएंगे. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख. जम्मू-कश्मीर दिल्ली की तरह विधानसभा वाला और लद्दाख चंडीगड़ की तरह बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश हो जाएगा. दिल्ली जैसा कानून ही जम्मूकश्मीर में लागू हो जाएगा.
जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य वाला दर्जा छीन जाएगा. साथ में कश्मीर का कानून भी पूरी तरह बदल जाएगा. इसी के साथ एक राष्ट्र एक संविधान का नियम भी जम्मू कश्मीर में लागू हो जाएगा. और इस 15 अगस्त को पूरे देश में एक ही तिरंगा लहराएगा.
पढ़ेंः मोदी के 'टॉप सीक्रेट' मिशन कश्मीर को शाह एंड कंपनी ने कैसे दिया अंजाम