नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नए कॉल मर्जिंग घोटाले के बारे में चेतावनी जारी की है, जिसके जरिए यूजर्स अनजाने में वन-टाइम पासवर्ड (OTP) शेयर कर देते हैं और फिर स्कैमर्स उनके पैसे चुरा लेते हैं.
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) डेवलप करने वाले NPCI ने अपने एक्स अकाउंट पर कहा, "स्कैमर्स कॉल मर्जिंग का इस्तेमाल करके आपको OTP बताने के लिए धोखा दे रहे हैं. इनके झांसे में न आएं! सतर्क रहें और अपने पैसे की हिफाजत करें."
यह घोटाला कैसे काम करता है?
इस घोटाले में स्कैमर्स यूजर्स को यह दावा करते हुए कॉल करते हैं कि उन्हें किसी मित्र से उस व्यक्ति का नंबर मिला है. इसके बाद वे कहते हैं कि दोस्त किसी दूसरे नंबर से कॉल कर रहा है. इस तरह वे यूजर्स से उनकी कॉल को मर्ज करने की रिक्वेस्ट करता है. एक बार कॉल मर्ज हो जाने के बाद, पीड़ित यूजर अनजाने में अपने बैंक से वैध OTP वेरिफिकेशन कॉल से जुड़ जाता है.
— UPI (@UPI_NPCI) February 14, 2025
इस प्रक्रिया में स्कैमर्स कॉल का समय बिल्कुल सही रखते हैं, जिससे पीड़ित यह नहीं समझ पाता कि उसके साथ धोखाधड़ी हो रही है और वह उनके साथ OTP शेयर कर देता है. जैसे ही OTP प्रदान किया जाता है, स्कैमर्स लेन-देन पूरा कर लेते हैं और पीड़ित अपना पैसा गंवा देता है.
UPI ने अपने एक्स हैंडल पर लोगों को सुरक्षित रहने और स्कैमर्स से अपने पैसे की रक्षा करने के लिए सुझाव शेयर किए हैं.
कॉल मर्जिंग घोटाले से कैसे बचें?
अज्ञात नंबरों के साथ कॉल को कभी भी मर्ज न करें: कॉल को मर्ज करने के लिए कहे जाने पर हमेशा सावधान रहें, खासकर अगर सोर्स आपका परिचित न हो.
कॉल करने वाले की ऑथेंटिसिटी वेरिफाई करें: अगर कोई आपके बैंक या किसी ज्ञात संपर्क से होने का दावा करता है, तो कोई भी कार्रवाई करने से पहले उसकी आईडेंटिटी वेरिफाई करें.
संदिग्ध ओटीपी की रिपोर्ट करें: अगर आपको किसी ऐसे लेनदेन के लिए ओटीपी प्राप्त होता है, जिसे आपने शुरू नहीं किया है, तो अपने बैंक को सचेत करने और साइबर धोखाधड़ी के प्रयास के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रकोष्ठ को 1930 पर इसकी रिपोर्ट करें.
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