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मिसाल : दिव्यांग ने पैर से लिखी 10वीं परीक्षा की कॉपी, मिले 424 अंक

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Published : Aug 10, 2020, 9:23 PM IST

Updated : Aug 10, 2020, 10:04 PM IST

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के दिव्यांग छात्र कौशिक ने अच्छे अंकों के साथ 10वीं कक्षा की परीक्षा पास कर साबित कर दिया है कि इंसान हर चुनौती को मात दे सकता है. जन्म के समय कौशिक के दोनों हाथ पूरी तरह विकसित नहीं थे. लेकिन वह इससे कभी निराश नहीं हुए. उन्होंने पैर की उंगलियों में कलम फंसा कर परीक्षा लिखी और अच्छे अंकों के साथ पास हुए.

दिव्यांग कौशिक
दिव्यांग कौशिक

मंगलुरु : कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंतवाल के रहने वाले एक दिव्यांग छात्र ने सेकंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएसएलसी) परीक्षा यानी 10वीं कक्षा में सफलता हासिल कर सभी का दिल जीत लिया है. कर्नाटक के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने सफलता के लिए दिव्यांग छात्र की तारीफ की है.

दिव्यांग छात्र को 10वीं में मिले 424 अंक

दोनों हाथों से विकलांग छात्र कौशिक ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में कुल 600 अंकों में से 424 अंक हासिल किए हैं. कौशिक को कन्नड़ में 96 अंक, अंग्रेजी में 50 अंक, संस्कृत में 83 अंक, गणित में 63 अंक, विज्ञान में 54 अंक और सामाजिक विज्ञान में 78 अंक मिले हैं.

खास बात यह है कि कौशिक ने अपने पैर की उंगलियों से कलम पकड़ कर परीक्षा लिखी थी. वह बंटवाल के एसवीएस हाईस्कूल के छात्र हैं.

विकलांगता के कारण कौशिक ने फर्श पर बैठक कर एसएसएलसी की परीक्षा दी थी. वह पैर की उंगलियों में कलम फंसा कर लिखते हैं.

शिक्षा मंत्री का ट्वीट
शिक्षा मंत्री का ट्वीट

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने विकलांगता के बावजूद कौशिक की कड़ी मेहनत की सराहना की है. शिक्षा मंत्री ने पहले भी उन्होंने ट्विटर पर कौशिक की फोटो साझा की थी.

कौशिक आगे की पढ़ाई कॉमर्स विषय में करना चाहते हैं. उनके भाई राजेश नायक ने आगे की शिक्षा के लिए मदद का आश्वासन दिया है.

दिव्यांग छात्र कौशिक
दिव्यांग छात्र कौशिक

कौशिक का परिवार गरीब है. उनके पिता कारपेंटर हैं और मां मजदूरी करती हैं. कौशिक के दो भाई हैं.

कौशिक शारीरिक रूप से विकलांग पैदा हुए थे. लेकिन वह कभी इससे निराश नहीं हुए और उन्होंने पढ़ाई पर अपना ध्यान लगाया. कौशिक के माता-पिता और भाई भी उनकी मदद करते हैं. यही वजह है कि कौशिक ने एसएसएलसी परीक्षा में 424 अंक हासिल किए.

मंगलुरु : कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंतवाल के रहने वाले एक दिव्यांग छात्र ने सेकंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएसएलसी) परीक्षा यानी 10वीं कक्षा में सफलता हासिल कर सभी का दिल जीत लिया है. कर्नाटक के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने सफलता के लिए दिव्यांग छात्र की तारीफ की है.

दिव्यांग छात्र को 10वीं में मिले 424 अंक

दोनों हाथों से विकलांग छात्र कौशिक ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में कुल 600 अंकों में से 424 अंक हासिल किए हैं. कौशिक को कन्नड़ में 96 अंक, अंग्रेजी में 50 अंक, संस्कृत में 83 अंक, गणित में 63 अंक, विज्ञान में 54 अंक और सामाजिक विज्ञान में 78 अंक मिले हैं.

खास बात यह है कि कौशिक ने अपने पैर की उंगलियों से कलम पकड़ कर परीक्षा लिखी थी. वह बंटवाल के एसवीएस हाईस्कूल के छात्र हैं.

विकलांगता के कारण कौशिक ने फर्श पर बैठक कर एसएसएलसी की परीक्षा दी थी. वह पैर की उंगलियों में कलम फंसा कर लिखते हैं.

शिक्षा मंत्री का ट्वीट
शिक्षा मंत्री का ट्वीट

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने विकलांगता के बावजूद कौशिक की कड़ी मेहनत की सराहना की है. शिक्षा मंत्री ने पहले भी उन्होंने ट्विटर पर कौशिक की फोटो साझा की थी.

कौशिक आगे की पढ़ाई कॉमर्स विषय में करना चाहते हैं. उनके भाई राजेश नायक ने आगे की शिक्षा के लिए मदद का आश्वासन दिया है.

दिव्यांग छात्र कौशिक
दिव्यांग छात्र कौशिक

कौशिक का परिवार गरीब है. उनके पिता कारपेंटर हैं और मां मजदूरी करती हैं. कौशिक के दो भाई हैं.

कौशिक शारीरिक रूप से विकलांग पैदा हुए थे. लेकिन वह कभी इससे निराश नहीं हुए और उन्होंने पढ़ाई पर अपना ध्यान लगाया. कौशिक के माता-पिता और भाई भी उनकी मदद करते हैं. यही वजह है कि कौशिक ने एसएसएलसी परीक्षा में 424 अंक हासिल किए.

Last Updated : Aug 10, 2020, 10:04 PM IST
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