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WorldPhotographyDay: 159 साल पुराने इस कैमरे से आज भी कैद होती हैं यादें - 1860 का बॉक्स कैमरा

डिजिटल के दौर में फोटोग्राफी का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. हर कोई अपने खास पलों को कैमरा में कैद करना चाहता है. आजकल अलग-अलग तकनीक के कैमरा मार्केट में हैं. लेकिन 19 अगस्त वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर हम आपको दुनिया के सबसे पुराने कैमरा के बारे में बताने जा रहे है. जो ना केवल भारत बल्कि वर्ल्ड में इकलौता है. देखें वीडियो...

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Published : Aug 19, 2019, 11:37 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 2:24 PM IST

जयपुर: सन् 1860 का बॉक्स कैमरा, जिसे जयपुर के प्रसिद्ध हवा महल के बाहर फोटोग्राफर टिकम चंद पहाड़ियां 35 साल से चला रहे हैं. टिकम चंद ने बताया कि 159 साल पुराने इस कैमरे को तीसरी पीढ़ी चला रही है.

टिकम के मुताबिक ये बॉक्स कैमरा उन्हें उनके दादाजी से विरासत में मिला है और फिलहाल, इसे तीसरी पीढ़ी चला रही है. उन्होंने बताया कि इसी कैमरे से उनका गुजारा होता है.

लकड़ी से बना ये 20 किलो का कैमरा लकड़ी के ही एक ट्राइपॉड पर पत्थरों के सहारे टिका है. इसके फोटो के लिए जो केमिकल इस्तेमाल होते हैं वो फ्रांस, जर्मनी और यूके से आते हैं.

देखें बॉक्स कैमरे पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बॉक्स कैमरे में आज भी नेगेटिव और पॉजिटिव ब्लैक एंड वाइट फोटो निकाली जाती है. टिकम चंद ने बताया कि इस कैमरा से करीब पांच मिनट में फोटो निकलता है.

पढ़ें: खय्याम हमेशा के लिए खामोश हो गए, पुलवामा हमले के बाद दान किए थे ₹ 5 लाख

अपने पूर्वजों की निशानियां को सहेज कर रखना बड़ी बात है और टीकम चंद ने ऐसा किया है. उन्होंने बदलते समय के साथ इस कैमरे को धरोहर के तौर पर संजोकर रखा है. उनका कैमरा बहुत पुराना है लगभग 159 साल पुराना है. इसे 1860 में किसी समय निर्मित किया गया था. इसमें जर्मनी में कार्ल जीस द्वारा निर्मित लैंस है. टीकम चंद खुद अपने से ही कैमरे की देखभाल करते हैं.

जयपुर: सन् 1860 का बॉक्स कैमरा, जिसे जयपुर के प्रसिद्ध हवा महल के बाहर फोटोग्राफर टिकम चंद पहाड़ियां 35 साल से चला रहे हैं. टिकम चंद ने बताया कि 159 साल पुराने इस कैमरे को तीसरी पीढ़ी चला रही है.

टिकम के मुताबिक ये बॉक्स कैमरा उन्हें उनके दादाजी से विरासत में मिला है और फिलहाल, इसे तीसरी पीढ़ी चला रही है. उन्होंने बताया कि इसी कैमरे से उनका गुजारा होता है.

लकड़ी से बना ये 20 किलो का कैमरा लकड़ी के ही एक ट्राइपॉड पर पत्थरों के सहारे टिका है. इसके फोटो के लिए जो केमिकल इस्तेमाल होते हैं वो फ्रांस, जर्मनी और यूके से आते हैं.

देखें बॉक्स कैमरे पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बॉक्स कैमरे में आज भी नेगेटिव और पॉजिटिव ब्लैक एंड वाइट फोटो निकाली जाती है. टिकम चंद ने बताया कि इस कैमरा से करीब पांच मिनट में फोटो निकलता है.

पढ़ें: खय्याम हमेशा के लिए खामोश हो गए, पुलवामा हमले के बाद दान किए थे ₹ 5 लाख

अपने पूर्वजों की निशानियां को सहेज कर रखना बड़ी बात है और टीकम चंद ने ऐसा किया है. उन्होंने बदलते समय के साथ इस कैमरे को धरोहर के तौर पर संजोकर रखा है. उनका कैमरा बहुत पुराना है लगभग 159 साल पुराना है. इसे 1860 में किसी समय निर्मित किया गया था. इसमें जर्मनी में कार्ल जीस द्वारा निर्मित लैंस है. टीकम चंद खुद अपने से ही कैमरे की देखभाल करते हैं.

Intro:जयपुर- डिजिटल के दौर में फोटोग्राफी का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। हर कोई अपने खास पलों को कैमरा में कैद करना चाहता है। आजकल अलग अलग तकनीकी के कैमरा मार्किट में आने लगे है लेकिन आज वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर हम आपको दुनिया के सबसे पुराने कैमरा के बारे में बताने जा रहे है जो ना केवल भारत बल्कि वर्ल्ड में इकलौता है। बात कर रहे है 1860 के बॉक्स कैमरा की, जिसको राजधानी जयपुर की प्रसिद्ध इमारत हवा महल के बाहर फोटोग्राफर टिक्कम चंद पहाड़ी 35 साल से चला रहे है। टिक्कम चंद ने बताया कि की 150 साल पुराने इस कैमरे को तीसरी पीढ़ी चला रही है। टिक्कम ने बताया कि ये बॉक्स कैमरा उनको दादाजी की विरासत में मिला है जिसको तीसरी पीढ़ी चला रही है साथ ही कैमरा से ही इनका गुजारा होता है।


Body:लकड़ी से बना ये 20 किलो का कैमरा लकड़ी के ही एक ट्राइपॉड पर पत्थरों के सहारे टिका है। इसके फ़ोटो के लिए जो केमिकल इस्तेमाल होते है वो फ्रांस, जर्मनी और यूके से आते है। बॉक्स कैमरा में आज भी नेगेटिव पॉजिटिव ब्लैक एंड वाइट फ़ोटो निकाली जाती है। टिक्कम चंद ने बताया कि इस कैमरा से 5 मिनिट में फ़ोटो निकल जाता है। लुप्त होते इस कैमरा को जिंदा रखने के लिए टिक्कम चंद अपनी आने वाली पीढ़ी को अभ्यास करवाते है ताकि ये धरोहर जिंदा रह सके।


Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 2:24 PM IST
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