पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Former Union Minister Sharad Yadav) का अस्थि कलश आज पटना पहुंच गया है. शरद यादव की बेटी सुभाषिणी और बेटे शांतनु अस्थि कलश लेकर बिहार आए हैं. पटना एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने 'शरद यादव अमर रहे' और 'मंडल मसीहा अमर रहे' के नारे लगाए. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए शरद यादव के बेटे शांतनु कुमार ने कहा कि पिताजी की अंतिम इच्छा थी कि उनका अस्थि कलश उनके कर्मभूमि मधेपुरा तक ले जाया जाए. इसीलिए हम लोग उनके अस्थि कलश को लेकर यहां पर आए हैं.
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"पिताजी की इच्छा थी कि उनका कलश उनकी कर्म भूमि मधेपुरा लाया जाए. इसलिए हमलोग कलश लेकर यहां आए हैं. राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने इसमें हमारा सहयोग किया है. खासकर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को हम धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने हमारे पिताजी की अंतिम इच्छा पूरा करने में हमारी मदद की"- शांतनु यादव, शरद यादव के बेटे
"पिताजी की जो इच्छा थी,पार्टी ने उसमें सहयोग किया है और हम भी लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के साथ-साथ पूरे पार्टी को धन्यवाद देते हैं कि उनका अस्थि कलश मधेपुरा तक पहुंचेगा. अभी किसी भी तरह की राजनीतिक बात हम लोग नहीं करेंगे कि क्या हुआ क्या नहीं हुआ, उन बातों को याद नहीं करना है"- सुभाषिनी यादव, शरद यादव की बेटी
बीपी मंडल स्टेडियम में होगी प्रार्थना सभा: अस्थि कलश के मधेपुरा पहुंचने के बाद 6 फरवरी को इसे बीपी मंडल स्टेडियम में प्रार्थना सभा में रखा जाएगा. प्रार्थना सभा को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सम्बोधित करेंगे. अस्थि कलश को पटना से मधेपुरा ले जाने के दौरान कई स्थानों पर शरद यादव के प्रशंसकों के द्वारा उस पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाएगा. वहीं इस अस्थि कलश यात्रा में पार्टी के उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, अलख निरंजन उर्फ बीनु यादव, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक सहित कई अन्य नेता साथ रहेंगे.
आरजेडी नेताओं ने दी श्रद्धांजलि: वहीं पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि शरद यादव दूसरी पीढ़ी के सबसे बड़े समाजवादी नेता थे. वे बिहार तथा हम लोगों से कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किए थे और आगे बढ़े थे. आज उनके जाने से सुख के दिन याद नहीं आ रहे हैं, दुख में जो पल बिताए थे वह याद आ रहे हैं. जबकि पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि पूरे देश में अस्थि कलश जाएगी. उन्होंने अपने जीवन काल में ही कहा था अस्थि कलश गंगा में प्रवाहित होती थी, उसके विरोधी थे. इसलिए उनके पुत्र और पुत्री दोनों आज भी उनके विचारों को मानते हुए अस्थि कलश को लेकर उनकी कर्मभूमि मधेपुरा में ले जायेंगे. वहां कलश रखा जायेगा, श्रद्धांजलि सभा होगी.
12 जनवरी को ली थी अंतिम सांस: बता दें कि शरद यादव ने 12 जनवरी को गुरुग्राम के एक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली थी. उन्होंने 75 वर्ष की आयु में देह त्याग किया. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को विमान से दिल्ली से मध्यप्रदेश ले जाया गया. जहां उनका अंतिम संस्कार उनके मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में स्थित पैतृक गांव आंखमऊ में किया गया. अब उनके अस्थि कलश यात्रा को पटना से मधेपुरा लेकर जाया जाएगा. मधेपुरा से शरद यादव कई बार सांसद रह चुके हैं.