कोलासिब (मिजोरम) : असम-मिजोरम सीमा पर लैलापुर में हुई हिंसा के बाद, कोलासिब के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) डॉ. एच लालथलांगलियाना (Dr H Lalthlangliana) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मिजोरम पुलिस ने आत्मरक्षा में हथियारों का इस्तेमाल किया.
उन्होंने असम सरकार के इस दावे का खंडन किया कि मिजोरम पुलिस ने पहली गोली चलाई. साथ ही उन्होंने समस्या के स्थाई समाधान के लिए सीमा आयोग के गठन का सुझाव दिया.
उन्होंने कहा, 'असम पुलिस और असम के नागरिकों ने हमारे क्षेत्र में प्रवेश किया और भारतीय रिजर्व बटालियन (आईआरबी) पोस्ट पर कब्जा करने की कोशिश की. उन्होंने आईआरबी पोस्ट पर कब्जा कर लिया और पहली गोली चलाई.'
कोलासिब स्थित अपने आवास पर एक विशेष साक्षात्कार में लालथलंगलियाना ने कहा कि उन्होंने वहां तैनात मिजोरम पुलिस को केवल आत्मरक्षा के लिए हथियारों का उपयोग करने का आदेश दिया था.
उन्होंने कहा, 'एक जिला मजिस्ट्रेट के रूप में यह मेरा कर्तव्य था कि मैं अपने नागरिकों की रक्षा करूं. मैंने उन्हें केवल आत्मरक्षा के लिए बल का प्रयोग करने का आदेश किया.'
हालांकि, असम सरकार ने दावा किया कि मिजोरम पुलिस ने पहली गोली चलाई. बता दें, सीम संघर्ष में असम पुलिस के छह जवानों की जान चली गई थी.
संघर्ष के बाद नई दिल्ली में दोनों राज्य सरकार के बीच हुए सीमा समझौते के बारे में पूछे जाने पर, डॉ. लालथलांगलियाना ने कहा कि सीमा पर केंद्रीय बल की मौजूदगी पहले से ही थी.
उन्होंने कहा कि सीमा पर सीआरपीएफ कैंप पहले से था. इसके बावजूद असम पुलिस ने आईआरबी पोस्ट पर कब्जा करने और हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की.
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दशकों पुराने सीमा विवाद को लेकर असम और मिजोरम के बीच तनाव पिछले साल से ही बढ़ने लगा था. लेकिन अचानक ही मामला भड़क गया और दोनों राज्यों के पुलिस जवान आपस में भिड़ गए.
कोलासिब जिले के अंतर्गत लैलापुर अंतिम सीमा है, जो दोनों राज्यों के बीच सीमा को विभाजित करती है.
घटना के बाद, असम पुलिस ने डॉ लालथलांगलियाना और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मिजोरम पुलिस ने भी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, कुछ पुलिस कर्मियों और अन्य सहित कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था.