शहीद भवन में हुआ नाटक "ओरछाधीश" का मंचन, 400 वर्ष पुरानी लोककथा पर है आधारित - भगवान विष्णु
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भोपाल । नाटक "ओरछाधीश" ओरछा में स्थित राजा राम मंदिर की स्थापना से पहले की है. प्रचलित लोक कथाओं में राम के वनवास के समय राम माता कौशल्या को अपनी प्रतिकृति भेंट करने जाते हैं. वे कहते हैं कि मैं इस रूप में आपके पास ही रहूंगा. उधर राजा दशरथ अपने जीवन के अंतिम अवस्था में होते हैं और भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं. भगवान विष्णु प्रकट होकर दशरथ और कौशल्या को कलयुग में अवतार लेने का वरदान देते हैं. दशरथ के अवतार ओरछा में राजा मधुकर शाह का विवाह काशी के नरेश अनिरुद्ध सिंह परमार की सुपुत्री कौशल्या की अवतार सुपुत्री गणेश कुमारी के साथ होता है.