हिंदी में उत्तर देने पर नहीं जांची उत्तर पुस्तिका, छात्र को मिले Zero, विश्वविद्यालय ने कराया पुनर्मूल्यांकन - इंदौर छात्र को एमबीए एग्जाम में शून्य नंबर
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इंदौर। प्रदेश सरकार लगातार हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. बीते दिनों मध्य प्रदेश में मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने का काम किया गया. वहीं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक अनूठा मामला सामने आया (indore devi ahilya university issue). जहां छात्र द्वारा हिंदी में उत्तर पुस्तिका लिखने पर उसे शून्य नंबर दिए गए (indore student got zero marks). देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की डिप्टी रजिस्ट्रार डॉक्टर रचना ठाकुर के अनुसार बीते दिनों विश्वविद्यालय में एमबीए के एक छात्र द्वारा शून्य नंबर देने की शिकायत की गई थी. मामले की जांच के दौरान सामने आया कि एमबीए के तीसरे और पांचवे सेमेस्टर के कुछ छात्र द्वारा उत्तर पुस्तिका हिंदी में लिखे जाने के कारण मूल्यांकनकर्ता द्वारा उत्तर पुस्तिका जांची नहीं गई और उसे शून्य नंबर दिए गए. जिसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर पुस्तिका की जांच कराई गई और छात्र उत्तीर्ण हुआ (devi ahilya university re evaluation). डॉक्टर रचना ठाकुर के अनुसार छात्र परीक्षा के दौरान अपने उत्तर किसी भी भाषा में लिख सकते हैं. वह हिंदी अंग्रेजी दोनों ही भाषा का प्रयोग कर सकते हैं. ऐसा कोई नियम नहीं है कि छात्र केवल अंग्रेजी में ही उत्तर दें. हालांकि एमबीए का पूरा सिलेबस अंग्रेजी में होने के कारण प्रश्न व उत्तर अंग्रेजी में होते हैं. लेकिन छात्रों द्वारा उनके उत्तर हिंदी में लिखे गए हैं तो वह भी मान्य है. छात्र की उत्तर पुस्तिका दूसरे मूल्यांकनकर्ता से जांच कराकर परिणाम जारी किया गया है. जल्द ही उत्तर पुस्तिका में भाषा के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:32 PM IST