VIDEO:पंचमुखी रूप में दिए बाबा महाकाल ने दर्शन, जानें कब निभाई जाती है यह परंपरा

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Published : Mar 4, 2022, 9:28 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:18 PM IST

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल का धाम हजारों लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का खास केंद्र है. यहां महाशिवरात्रि पर्व को 9 दिन पहले से ही मनाने की सदियों पुरानी परंपरा है. 9 दिन अलग-अलग श्रृंगार के बाद महाशिवरात्रि पर्व के समापन पर बाबा महाकाल पंचमुखी रूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. वर्षों पुरानी यह परंपरा फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की दूज पर निभाई जाती है. यह परंपरा उन श्रद्धालुओं के लिए है जो 9 दिन बाबा के श्रृंगार का दर्शन लाभ नहीं ले पाते हैं. उन्हें इस दिन बाबा महाकाल के पंचमुखी रूप के दर्शन होते हैं. इस मौके पर मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इस महाकाल का मन महेश, उमा महेश, शिव तांडव, घटाटोप और होल्कर महाराज के रूप से श्रृंगार किया गया. बाबा महाकाल को सोने चांदी और रत्न जड़ित आभूषण धारण करवाए गए. (Darshan of Baba Mahakal in Panchmukhi)
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:18 PM IST

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