बुंदेलखंड की अनोखी परंपरा! विधायक रामबाई ने लोकगीत गाकर ग्वालों के साथ किया 'बरेदी नृत्य'
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दमोह। बुंदेलखंड में अपनी अलग संस्कृति और लोक कला के कारण जाना जाता है, यहां दिवाली पर्व की भी अनूठी परंपरा है. गोवर्धन पूजा के बाद जब ग्वाले बरेदी बनकर निकलते हैं तो वह जगह जगह दिवाली और मौनिया नृत्य करके लोगों की खुशहाली की कामना करते हैं. ऐसे ही एक आयोजन में पथरिया की विधायक रामबाई परिहार ने भी भाग लिया. जब ग्वाले बरेदी और मौनिया नृत्य कर रहे थे, तब रामबाई खुद को नहीं रोक सकीं, पहले तो उन्होंने दिवाली लोकगायन 'वृंदावन के चौतरा हरे कदम के झाड़ रे'... गाया और उसके बाद वह ग्वालों के साथ खुद भी नृत्य करने लगीं. दरअसल पथरिया विधानसभा की बटियागढ़ ब्लॉक के खड़ेरी ग्राम में दीपावली की पंचमी को विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं और उसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रामबाई पहुंची थीं. ऐसी किवदंती है कि एक बार भगवान कृष्ण की गाय वन में कहीं खो गई थी, तब भगवान कृष्ण अपने साथियों के साथ उन्हें खोजने के लिए निकले थे. तभी से बुंदेलखंड में यह परंपरा चली आ रही है.(Damoh Unique Tradition of Bundelkhand) (Patharia MLA Rambai performed Barei dance) (MLA Rambai Singing folk Songs) (Bundelkhand Mauniya Dance)
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:30 PM IST