बेंगलुरू: आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच में महामारी के बाद के समय में दुनिया के नेताओं की सबसे बड़ी सभा को संबोधित (Spiritual Guru Ravi Shankar addressesd In Davos) किया. जहां उन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण जटिल वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संकट से गुजर रही दुनिया को ठीक करने के बारे में अपने विचार साझा किए. कोविड-19 महामारी के लिए विश्वव्यापी प्रतिक्रिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे जब हम एक साथ काम करते हैं, तो हम बेहतर और अधिक न्यायसंगत स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त कर सकते हैं. मानसिक स्वास्थ्य को संबोधित करने के लिए वर्तमान दृष्टिकोण अप्रभावी है और मूलभूत परिवर्तनों की मांग करता है.
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि हमें समग्र दृष्टिकोण से मूल कारण को संबोधित करना चाहिए और मन और भावनाओं को प्रबंधित करने के लिए सांस को एक उपकरण के रूप में तलाशना चाहिए. उन्होंने दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य पर खर्च किए जाने वाले डॉलर के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे भारत के पास आयुर्वेद, ध्यान और योग जैसे आध्यात्मिकता में अपनी जड़ों के साथ समग्र और शक्तिशाली उपचार प्रणालियों सहित इस चुनौती को दूर करने के लिए बहुत कुछ है.
53वें WEF बैठक का विषय खंडित दुनिया में सहयोग (Collaboration in Fragmented world) है. जो 'द आर्ट ऑफ लिविंग' के काम के अनुरूप है, जो 40 दशकों से अधिक समय तक संघर्ष समाधान और संवाद निर्माण में फैला है. चाहे वह कोसोवो, कोलंबिया, लेबनान, इराक, पाकिस्तान या भारत में हो. सम्मेलन में 130 देशों के 2,700 नेताओं और भारत के 100 गणमान्य व्यक्तियों सहित 52 राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लिया. नेता भू-राजनीतिक संघर्षों, खाद्य और ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक चिंता के मामलों पर चर्चा करने के लिए बुलाएंगे और अधिक लचीला विश्व व्यवस्था के लिए रोडमैप तैयार करेंगे. Spiritual Guru Ravi Shankar addressesd In WEF
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(आईएएनएस)